न्यूजीलैंड ने ठुकराया तो तालिबान के पास मदद के लिए पहुंची गर्भवती महिला पत्रकार, जानें क्या है मामला
न्यूजीलैंड की एक गर्भवती महिला पत्रकार ने तालिबान से मदद की गुहार लगाई है। गर्भवति पत्रकार के कहना है कि उसके गृह देश ने उसे कोरोनो वायरस क्वारंटाइन सिस्टम में आ रही अड़चनों के कारण लौटने से रोक दिया है। वह अब अफगानिस्तान में फंसी हुई है।
By Mohd FaisalEdited By: Updated: Sat, 29 Jan 2022 05:04 PM (IST)
वेलिंगटन, एजेंसी: न्यूजीलैंड की एक गर्भवती महिला पत्रकार ने तालिबान से मदद की गुहार लगाई है। गर्भवति पत्रकार के कहना है कि, उसके गृह देश ने उसे कोरोनो वायरस क्वारंटाइन सिस्टम में आ रही अड़चनों के कारण लौटने से रोक दिया है। महिला ने कहा, उसके देश द्वारा ठुकराए जाने के बाद उसने मदद के लिए तालिबान का रुख किया है। वह अब अफगानिस्तान में फंसी हुई है।
द न्यूजीलैंड हेराल्ड में प्रकाशित एक कॉलम में, शार्लोट बेलिस ने कहा कि यह ‘क्रूरतापूर्ण विडंबना’ है कि कभी उसने तालिबान से महिलाओं के साथ उनके व्यवहार के बारे में सवाल किया था, और अब वह वही सवाल अपनी सरकार से पूछ रही हैं। उन्होंने लिखा, जब तालिबान एक गर्भवती, अविवाहित महिला को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है, तो आप जानते हैं कि आपकी स्थिति गड़बड़ हो चुकी है।
न्यूजीलैंड के COVID-19 प्रतिक्रिया मंत्री क्रिस हिपकिंस ने हेराल्ड को बताया कि, उनके कार्यालय ने अधिकारियों से यह जांचने के लिए कहा था कि क्या उन्होंने बेलिस के मामले में उचित प्रक्रियाओं का पालन किया है। दरअसल, न्यूजीलैंड ने महामारी के दौरान कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में कामयाबी हासिल की है, और 5 मिलियन की आबादी के बीच सिर्फ 52 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हुई है। न्यूजीलैंड में कोरोना को लेकर सख्त नियम लागू हैं। इसके मुताबिक विदेशों से लौटने वाले हर नागरिक सेना द्वारा चलाए जा रहे क्वरंटाइन होटलों में 10 दिन आइसोलेट रहेंगे।
विकट परिस्थितियों में विदेशों में फंसे नागरिकों की कहानियों ने प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न और उनकी सरकार के लिए शर्मिंदगी का कारण बना दिया है, लेकिन बेलिस की स्थिति विशेष रूप से बेहद अलग प्रतीत हो रही है। पिछले साल, वह अल जजीरा के लिए अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी को कवर करने के लिए काम कर रही थीं। तब उन्होंने तालिबान नेताओं से महिलाओं और लड़कियों के इलाज के बारे में सवाल करके अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया था।
शनिवार को अपने कॉलम में, बेलिस ने कहा कि वह सितंबर में कतर लौटीं और पता चला कि वह अपने साथी, फ्रीलांस फोटोग्राफर जिम ह्यूलेब्रोक के बच्चे की मां बनने वाली हैं। जिम द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए काम करते हैं। उन्होंने गर्भावस्था को एक ‘चमत्कार के रूप में बताया, क्योंकि इससे पहले डॉक्टरों ने उन्हें बताया था कि उनके बच्चे नहीं हो सकते। वह मई में एक लड़की को जन्म देने वाली हैं। कतर में विवाहेतर यौन संबंध अवैध है और बेलिस ने कहा कि उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें यह देश छोड़ने की जरूरत है। उन्होंने बार-बार नागरिकों को लौटाने के लिए लॉटरी-शैली प्रणाली में न्यूजीलैंड वापस जाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।
बेलिस ने कहा कि, उन्होंने नवंबर में अल जजीरा से इस्तीफा दे दिया और दोनों जिम के मूल देश बेल्जियम चले गए। लेकिन वह अधिक समय तक नहीं रह सकीं, क्योंकि वह वहां की निवासी नहीं थी। उन्होंने कहा कि दंपति के पास रहने के लिए एकमात्र अन्य जगह अफगानिस्तान ही थी। बेलिस ने कहा कि उन्होंने तालिबान के वरिष्ठ लोगों से संपर्क किया और बात की, जिन्होंने उन्हें बताया कि अगर वह अफगानिस्तान लौटती है, उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। बेलिस के मुताबिक तालिबान के लोगों ने कहा, ‘बस लोगों को ये बताएं कि आप शादीशुदा हैं और अगर कोई दिक्कत होती है, तो हमें कॉल करें, चिंता न करें।
बेलिस ने कहा कि, उन्होंने अफगानिस्तान में न्यूजीलैंड के अधिकारियों को 59 दस्तावेज भेजे। लेकिन उन्होंने आपातकालीन वापसी के लिए उसके आवेदन को खारिज कर दिया। न्यूजीलैंड के मैनेज्ड आइसोलेशन एंड क्वारंटाइन सिस्टम के संयुक्त प्रमुख क्रिस बनी ने हेराल्ड को बताया कि, बेलिस का आपातकालीन आवेदन इस आवश्यकता के अनुरूप नहीं था कि वह 14 दिनों के भीतर यात्रा करें। उन्होंने कहा कि कर्मचारी एक और आवेदन करने के बारे में बेलिस के पास पहुंचे थे, जो आवश्यकताओं के अनुरूप होगा। बनी के मुताबिक, यह असामान्य नहीं है और न्यूजीलैंड के लिए मददगार होने का एक उदाहरण है, जो संकटपूर्ण परिस्थितियों में हैं।
बेलिस ने कहा कि, अफगानिस्तान में मातृत्व देखभाल की खराब स्थिति और सर्जिकल क्षमताओं की कमी के कारण गर्भावस्था मौत की सजा हो सकती है। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड में वकीलों, राजनेताओं और जनसंपर्क के लोगों से बात करने के बाद, उसका मामला फिर से आगे बढ़ता दिख रहा है, हालांकि उसे अभी तक घर जाने की मंजूरी नहीं मिली है।