Niger: अमेरिका सहित कई देशों के राजदूतों को 48 घंटे में देश छोड़ने की मोहलत, US ने किया खारिज
नाइजर के सैन्य शासकों ने शुक्रवार को फ्रांसीसी जर्मन नाइजीरियाई और अमेरिकी राजदूतों को देश छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया। समाचार एजेंसी एएफपी ने यह जानकारी दी है। हालांकि समाचार एजेंसी रायटर के मुताबिक नाइजर के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी सरकार को बताया है राजनयिक के देश छोड़ने वाले पत्रों को मंत्रालय द्वारा जारी नहीं किया गया है।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 26 Aug 2023 06:09 AM (IST)
नियामी, एजेंसियां। नाइजर के सैन्य शासकों ने शुक्रवार को फ्रांसीसी, जर्मन, नाइजीरियाई और अमेरिकी राजदूतों को देश छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया। समाचार एजेंसी एएफपी ने यह जानकारी दी है। हालांकि, फ्रांसीसी दूत के खिलाफ अल्टीमेटम को पेरिस ने तुरंत खारिज कर दिया और दोहराया कि वह नाइजर में सैन्य शासकों के अधिकार को मान्यता नहीं देता है। वहीं, समाचार एजेंसी रायटर के मुताबिक, नाइजर के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी सरकार को बताया है राजनयिक के देश छोड़ने वाले पत्रों को मंत्रालय द्वारा जारी नहीं किया गया है।
अमेरिकी राजदूतों को नाइजर छोड़ने के पत्र पर US ने क्या कहा?
एएफपी के रिपोर्ट के मुताबिक, नाइजर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि फ्रांसीसी, जर्मन, नाइजीरियाई और अमेरिकी दूतों को 48 घंटों के भीतर देश छोड़ देना चाहिए। हालांकि, इस रिपोर्ट के बाद रायटर ने अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता के हवाले से बताया कि नाइजर ने अमेरिकी सरकार से ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है, जिसमें अमेरिकी राजदूत को नाइजर छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है।
राष्ट्रपति को घर में ही किया गया है नजरबंद
मालूम हो कि नाइजर में 26 जुलाई को सेना ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम का तख्तापलट कर दिया था। हालांकि बजौम के इस्तीफा देने से इनकार करने के बाद उन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया गया। अमेरिका नाइजर के इस संकट का राजनयिक समाधान के लिए दबाव डाल रहा है। नाइजर में नई अमेरिकी राजदूत कैथलीन फिट्जगिबन्स इस महीने की शुरुआत में ही राजधानी नियामी पहुंची हैं।भारत ने देश छोड़ने की दी थी सलाह
नाइजर में तख्तापलट के कारण बने हालात और व्यापक हिंसा के मद्देनजर हाल ही में भारत सरकार ने वहां रहने वाले अपने नागरिकों को उस देश को छोड़ने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय ने एक परामर्श में कहा था कि जिन भारतीयों का नाइजर में रहना जरूरी नहीं है, उन्हें जल्द से जल्द वह देश छोड़ देना चाहिए।