केमिस्ट्री के लिए नोबेल पुरस्कार की हुई घोषणा, तीन वैज्ञानिकों को किया गया सम्मानित
इस साल नोबेल के लिए चुने गए जॉन गुडएनफ की उम्र 97 साल है। वह नोबेल पाने वाले सबसे उम्रदराज वैज्ञानिक हैं।
By Nitin AroraEdited By: Updated: Wed, 09 Oct 2019 04:16 PM (IST)
स्टॉकहोम, एएफपी। उपलब्धियां अपने सम्मान का रास्ता बना ही लेती हैं। इस बार रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल जीतने वाले वैज्ञानिकों की कहानी यही प्रेरणा देती है। 2019 के रसायन नोबेल के लिए अमेरिका के जॉन गुडएनफ, ब्रिटेन के स्टेनली विटिंघम और जापान के अकीरा योशिनो को चुना गया है। तीनों को यह पुरस्कार लिथियम आयन बैट्रियों के निर्माण की दिशा में उनके योगदान के लिए दिया गया है। उन्हें यह सम्मान अपनी खोजों के 35 से 50 साल बाद मिला है।
लिथियम आयन बैट्रियों ने 1991 में पहली बार बाजार में कदम रखा था। तब से आज तक इन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया में बड़ा बदलाव किया है। आज इन शक्तिशाली, हल्की और रिचार्ज की जा सकने वाली बैट्रियों का इस्तेमाल मोबाइल फोन, लैपटॉप से लेकर इलेक्टि्रक वाहनों तक में हो रहा है। इन्हीं बैट्रियों ने असल में स्मार्टफोन के विकास का रास्ता तैयार किया। ये बैट्रियां सौर और पवन शक्ति से भी ऊर्जा का निर्माण एवं संचय करने में सक्षम हैं। इस लिहाज से दुनिया को जीवाश्म ईधनों से मुक्त कराने की दिशा में भी इनका अहम योगदान है।
आठवें दशक में पड़ी थी नींव
पिछली सदी के आठवें दशक में तेल संकट के दौरान ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत की तलाश में विटिंघम ने लिथियम में ऊर्जा संचय करने का रास्ता ईजाद किया था। लिथियम इतनी हल्की धातु है, जो पानी पर तैरती है। विटिंघम ने आंशिक रूप से लिथियम से बनी बैटरी तैयार की थी। हालांकि उस बैट्री में ऊर्जा बहुत देर तक नहीं रुकती थी, इसलिए उसका प्रयोग संभव नहीं था।
गुडएनफ और योशिनो ने आगे बढ़ाया प्रयोग
विटिंघम ने जो रास्ता तैयार किया था, गुडएनफ ने उस पर प्रयोग को आगे बढ़ाया। उन्होंने मेटल कंपाउंड की मदद से बैट्री की ऊर्जा को दोगुना करते हुए चार वोल्ट तक पहुंचाया। इस प्रयोग ने ज्यादा शक्तिशाली और टिकाऊ बैट्री की उम्मीद पैदा की। 1985 में योशिनो ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कार्बन आधारित ऐसे पदार्थो का प्रयोग किया जिनमें लिथियम आयन स्टोर रहते थे। इसी प्रयोग से वाणिज्यिक तौर पर टिकाऊ बैट्रियां बनाने का रास्ता खुला
सबसे उम्रदराज विजेता हैं गुडएनफइस साल नोबेल के लिए चुने गए जॉन गुडएनफ की उम्र 97 साल है। वह नोबेल पाने वाले सबसे उम्रदराज वैज्ञानिक हैं। विटिंघम की उम्र 77 साल और योशिनो की उम्र 71 साल है। पुरस्कार के तौर पर मिलने वाली 90 लाख स्वीडिश क्रोनर (करीब 6.46 करोड़ रुपये) की राशि को तीनों वैज्ञानिकों में बराबर बांटा जाएगा। पिछले साल अमेरिकी वैज्ञानिकों फ्रांसेस अर्नाल्ड व जॉर्ज स्मिथ तथा ब्रिटेन की ग्रेगरी विंटर को एंजाइम के क्षेत्र में शोध के लिए रसायन का नोबेल मिला था। अर्नाल्ड रसायन के क्षेत्र में नोबेल पाने वाली पांचवीं महिला हैं।
आज साहित्य के नोबेल विजेताओं का होगा एलानइस साल नोबेल विजेताओं के नाम के एलान की शुरुआत सोमवार को चिकित्सा क्षेत्र के विजेताओं से हुई थी। मंगलवार को भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल विजेताओं का नाम सामने आया। इस कड़ी में गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में नोबेल जीतने वालों का नाम बताया जाएगा। पिछले साल विवाद के चलते स्थगति होने के कारण इस बार 2018 और 2019 दोनों वर्षो के लिए साहित्य का नोबेल दिया जाना है। शुक्रवार को शांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा होगी। अगले सोमवार को अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता के एलान के साथ इस साल के विजेताओं की घोषणा का क्रम पूरा होगा। 10 दिसंबर को अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि पर स्टॉकहोम में चिकित्सा, भौतिकी, रसायन, साहित्य व अर्थशास्त्र का नोबेल और ओस्लो में शांति का नोबेल दिया जाएगा।