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2021 Nobel Prize: तंजानिया के अब्दुलरज्जाक गुरनाह को साहित्य का नोबेल पुरस्कार, हाल ही में यूनिवर्सिटी आफ केंट से हुए हैं रिटायर

2021 Nobel Prize 1948 में जंजिबार में जन्मे गुरनाह एक शरणार्थी के रूप में 1968 में ब्रिटेन पहुंचे थे। वह 10 उपन्यास लिख चुके हैं जिनमें मेमोरी आफ डिपार्चर पिलग्रिम्स वे पैराडाइज बाई द सी और डेजर्शन शामिल हैं। उनकी मूल भाषा स्वाहिली है लेकिन वह अंग्रेजी में लिखते हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Thu, 07 Oct 2021 08:22 PM (IST)
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यह पुरस्कार पाने वाले अफ्रीका में जन्मे छठे लेखक
स्टाकहोम, एपी। ब्रिटेन में रह रहे तंजानिया के लेखक अब्दुलरज्जाक गुरनाह को इस साल का साहित्य का नोबेल पुरस्कार देने की गुरुवार को घोषणा की गई। उन्हें यह पुरस्कार अपने मूल स्थान से विस्थापित लोगों और उस जगह पर पड़ने वाले प्रभाव को अपनी कृतियों के जरिये दर्शाने के लिए दिया गया है जहां विस्थापित अपना नया घर बसाते हैं। स्वीडिश अकादमी ने कहा कि यह पुरस्कार गुरनाह द्वारा उपनिवेशवाद के प्रभाव और संस्कृतियों व महाद्वीपों के बीच फंसे शरणार्थियों के भविष्य के बारे में स्पष्ट और करुणामय चित्रण को मान्यता है।

गुरनाह हाल ही में यूनिवर्सिटी आफ केंट से उत्तर औपनिवेशिक साहित्य के प्रोफेसर पद से रिटायर हुए हैं और फिलहाल दक्षिणपूर्व इंग्लैंड में स्थित अपने घर में रहते हैं। नोबेल पुरस्कार मिलने से संबंधित स्वीडिश अकादमी का फोन आने के बारे में उन्होंने बताया, 'मैं बेहद उत्साहित हूं। मैंने यह खबर खुद सुनी।'

वर्ष 1948 में जंजिबार में जन्मे गुरनाह एक शरणार्थी के रूप में 1968 में ब्रिटेन पहुंचे थे। वह 10 उपन्यास लिख चुके हैं जिनमें मेमोरी आफ डिपार्चर, पिलग्रिम्स वे, पैराडाइज, बाई द सी और डेजर्शन शामिल हैं। उनकी मूल भाषा स्वाहिली है, लेकिन वह अंग्रेजी में लिखते हैं। साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले वह अफ्रीका में जन्मे छठे लेखक हैं। 1901 में स्थापना के बाद से इस पुरस्कार के विजेताओं में यूरोपीय और उत्तर अमेरिकी लेखकों का दबदबा रहा है।

उत्तर औपनिवेशिक साहित्य के दुनिया के सबसे प्रमुख लेखकों में से एक

साहित्य के लिए नोबेल समिति के चेयरमैन एंडर्स ओल्ससन ने उन्हें उत्तर औपनिवेशिक साहित्य के दुनिया के सबसे प्रमुख लेखकों में से एक बताया। उन्होंने कहा, 'उनका काम ऐसे अफ्रीका की विविध और बेहद साफ तस्वीर पेश करता है जिसके बारे में ज्यादा पाठक नहीं जानते। हिंद महासागर और उसके आसपास के ऐसे तटीय इलाके जहां पुर्तगाल, भारत, अरब, जर्मन और ब्रिटिश के अलग-अलग शासन एवं उपनिवेशी सत्ता के तहत दासता और दमन के तरीके बदलते रहे।'

बता दें कि नोबेल विजेता का चयन स्वीडिश अकादमी के 18 सदस्यों द्वारा किया जाता है। पिछले साल अमेरिकी कवि लुईस ग्लक को साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साहित्य का नोबेल पुरस्कार अब तक 118 बार दिया जा चुका है।

भौतिकी के लिए तीन विज्ञानियों को दिया गया नोबेल पुरस्कार

गौरतलब है कि पिछले दिनों भौतिकी में कई अनसुलझी मानी गई गुत्थियों के पूर्वानुमान की राह खोलने वाले तीन विज्ञानियों को 2021 का भौतिकी का नोबेल दिया गया। इनमें जापान के स्युकुरो मनाबे, जर्मनी के क्लास हेसलमैन और इटली के जियोर्जियो पैरिसी शामिल हैं।