North Korea तानाशाह ने South Korea को उसी की भाषा में दिया जवाब, जानें अब क्या किया
नॉर्थ कोरिया ने लाखों लीफलेट्स और पंपलेट्स छपवाकर उसे साउथ कोरिया की सीमा में फिंकवा दिया है। हाइड्रोजन गुब्बारों के माध्यम से और भी पंपलेट्स भेजे जाने की तैयारी है।
By Vinay TiwariEdited By: Updated: Mon, 22 Jun 2020 05:16 PM (IST)
नई दिल्ली, न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस। नॉर्थ और साउथ कोरिया के बीच शीतयुद्ध लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों के बीच हाइड्रोजन गुब्बारों के माध्यम से सीमा पार से लीफलेट्स और पंपलेट्स भेजे जाने के बाद जो विवाद शुरू हुआ था वो इस समय अपने चरम पर पहुंच गया है।
अब नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया को उसी की भाषा में जवाब दिया है। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की ओर से लाखों लीफलेट्स और पंपलेट्स छपवाकर उसे साउथ कोरिया की सीमा में फिंकवा दिया गया है। इसके अलावा हाइड्रोजन गुब्बारों के माध्यम से अभी ऐसे लाखों पंपलेट्स भेजे जाने की तैयारी चल रही है। नॉर्थ कोरिया ने इन पंपलेट्स को साउथ कोरिया में पहुंचाने के लिए लगभग 3000 हाइड्रोजन गुब्बारे तैयार कर लिए हैं। अगले कुछ दिनों में इन गुब्बारों से भी ऐसे पंपलेट्स साउथ की सीमा में गिराए जाएंगे।
साउथ कोरिया की सीमा से पहले गिराए गए पंपलेट्स दरअसल ये सारा विवाद साउथ कोरिया की सीमा से नॉर्थ कोरिया में इसी तरह से पंपलेट्स और गुब्बारों के साथ लीफलेट्स भेजे जाने के बाद शुरू हुआ है। उसी के दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ी। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने साउथ कोरिया को इस पर रोक लगाने की मांग की थी मगर रोक नहीं लगी। इससे गुस्सा होकर किम जोंग की बहन ने कहा था कि साउथ कोरिया को इसका अंजाम भुगतना होगा, इसी के एक दिन बाद सीमा पर बने लॉयजन आफिस को बम से उड़ा दिया गया।
साउथ कोरिया ने इसके बाद संबंध सामान्य करने की पहल की मगर नॉर्थ नहीं माना, उसके बाद से तनाव बरकरार है, अब नॉर्थ कोरिया साउथ को इसी तरह से लीफलेट्स और पंपलेट्स के माध्यम से जवाब देने की तैयारी कर रहा है। लाखों की संख्या में लीफलेट्स और पंपलेट्स छपवाकर उसे साउथ में फिंकवाया जा रहा है।
नॉर्थ करेगा सबसे बड़े पर्चे का वितरण एनवाइटी के अनुसार नॉर्थ कोरिया की आधिकारिक सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक दुश्मन के खिलाफ सबसे बड़े पर्चे का वितरण लगभग पूरा हो गया है। प्योंगयांग में प्रकाशन और प्रिंटिंग हाउसों ने 12 मिलियन पंपलेट छपवाए थे, जिनके प्रांतों में लाखों और प्रिंट करने की तैयारी थी।इस तरह से नॉर्थ कोरिया ने संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ अपनी नाराजगी भी व्यक्त की है। नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच पिछले साल फरवरी में वियतनाम में दूसरी शिखर बैठक के बाद से तनाव बना हुआ है। दरअसल इस तरह से पंपलेट्स और लीफलेट्स एक दूसरे देश की सीमा में भेजकर दूसरे देश के राष्ट्रपति के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करने की परंपरा साल 1950-53 से चली आ रही है। दोनों देशों के रहने वाले इसी तरह से अपना गुस्सा जाहिर करते हैं।
1970 में बनी थी सहमति मगर नहीं हुआ पालन 1970 के दशक के बाद से कई बार सीमा पार से लाउडस्पीकर प्रसारण सहित इस तरह के सीमा-पार प्रचार को रोकने के लिए सहमत हुए थे। उन्होंने 2000 में एक लैंडमार्क शिखर सम्मेलन के बाद अपने प्रचार युद्ध को समाप्त करने की कोशिश की, जिस पर वे सुलह को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए थे। दोनों कोरिया एक बार फिर उसी समझौते पर पहुंचे जब किम और राष्ट्रपति मून जे-इन दक्षिण कोरिया से 2018 में मिले।
मगर हाल के सालों में नॉर्थ कोरिया का विरोध करने वाले लोगों ने फिर से हाइड्रोजन गुब्बारे भेजना शुरू कर दिया। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में फिर से खटास आ गई। नॉर्थ के न्यूक्लियर कार्यक्रम पर भी इससे असर पड़ा है। इन गुब्बारों में डॉलर के बिल, ट्रांजिस्टर रेडियो, दक्षिण कोरियाई साबुन, ओपेरा वाले कम्प्यूटर ड्राइव और लीफलेट्स लगे होते थे। इन लीफलेट्स में किम को कई तरह से अपशब्द भी लिखे रहते थे। इसमें किम को अपने चाचा और सौतेले भाई को मारने के लिए आरोपी भी कहा जाता है उनको काफी क्रूर कहा जाता है।
अब साउथ ने कहा सीमा पर करेंगे कड़ी चौकसी अब जब नॉर्थ कोरिया ने गुब्बारे भेजे जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज की तो साउथ कोरिया ने कहा कि वो अब सीमा पर पुलिस लगाकर इस तरह के काम करने वालों को रोकेगा। वहां पर सख्ती की जाएगी। मगर नॉर्थ कोरिया अब किसी बात को मानने के लिए तैयार नहीं है। इस तरह के काम ने नॉर्थ कोरिया को भड़काने के अलावा कोई काम नहीं किया। साउथ कोरिया की राजधानी सियोल से अब इस तरह के पर्चे पर प्रतिबंध लगाने के लिए घरेलू कानूनों में संसोधन करने पर भी जोर दिया जा रहा है।
नॉर्थ कोरिया ने कहा कि साउथ कोरिया की सीमा से जो लीफलेट्स भेजे जा रहे हैं वो वहां रहने वालों की मानसिक स्थिति बताते हैं। इस तरह से लीफलेट्स भेजना एक असहनीय अपमान है। इसी के साथ ये भी कहा गया कि साउथ कोरियाई केवल तभी गुब्बारे भेजना बंद कर देंगे, जब उन्होंने नॉर्थ कोरिया की तरफ से भेजे जाने वाले गुब्बारे गिरते हुए नहीं दिखेंगे। इस तरह से गुब्बारों को गिरते देखना और उसमें लगे लीफलेट्स को निपटान कितना चिड़चिड़ाहट भरा होता है। नॉर्थ कोरिया ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह कब सीमा के पार अपने गुब्बारे छोड़ना शुरू कर देगा लेकिन कहा कि उसके लीफलेट्स उसके लोगों के "क्रोध और घृणा" को जरूर दिखाएगा।
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