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North Korea की South Korea से तनातनी बढ़ी, कम्युनिकेशन और हॉटलाइन बंद की

नॉर्थ और साउथ कोरिया के बीच एक बार फिर से संबंध खराब हो रहे हैं। इस बीच नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया के साथ अपने सभी कम्युनिकेशन लाइंस को बंद कर दिया है। इसमें हॉटलाइन भी शामिल है।

By Vinay TiwariEdited By: Updated: Tue, 09 Jun 2020 05:10 PM (IST)
North Korea की South Korea से तनातनी बढ़ी, कम्युनिकेशन और हॉटलाइन बंद की
प्योंगयांग, एजेंसी। नॉर्थ और साउथ कोरिया के बीच एक बार फिर संबंधों में खटास बढ़ती जा रही है। दोनों देश एक दूसरे से दुश्मनी की ओर बढ़ रहे हैं। रॉयटर्स के अनुसार इस बीच नॉर्थ कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी(केसीएनए) का कहना है कि नॉर्थ कोरिया पूरी तरह से उत्तर और दक्षिण के बीच बनाई गई संपर्क लाइन को तोड़ रहा है और उसे बंद कर देगा।

इस लाइन को आज बंद कर दिया गया। इस लाइन को नॉर्थ और साउथ के संयुक्त संपर्क कार्यालय को बनाए रखने के लिए स्थापित किया गया था। नॉर्थ कोरिया ने कहा कि साउथ कोरिया और उसके बीच सभी कम्युनिकेशन लाइंस को वो खत्म करने जा रहा है। इसमें दोनों देशों के नेताओं के बीच की हॉटलाइन भी शामिल है। 

एजेंसी के अनुसार दक्षिण कोरिया को 'दुश्मन' बताते हुए नॉर्थ कोरिया ने ये भी कहा है कि यह उसकी पहली कार्रवाई है। नॉर्थ कोरिया के सीमाई शहर कएसोंग में बनाए गए संपर्क कार्यालय को भी मंगलवार को बंद कर दिया जाएगा। साल 2018 में बातचीत के बाद दोनों देशों ने तनाव कम करने के लिए यह कार्यालय स्थापित किया था अब इसे बंद कर दिया जाएगा। 1953 में कोरियाई युद्ध की समाप्ति के बाद से दोनों देशों के बीच कोई शांति समझौता नहीं हुआ है इसलिए तकनीकी रूप से दोनों देश अभी भी युद्ध के दौर में हैं। नॉर्थ कोरिया ने कहा है कि सैन्य संचार के चैनल भी बंद कर दिए जाएंगे। 

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 महामारी के कारण लागू किए गए प्रतिबंधों की वजह से संपर्क कार्यालय जनवरी में अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया था। हालांकि, दोनों देशों के बीच संपर्क फोन के जरिए जारी था। दोनों देशों के बीच कार्यालय से सुबह 9 बजे और शाम को 5 बजे दो फोन कॉल किए जाते थे। बीते सोमवार को दक्षिण कोरिया ने कहा कि 21 महीनों में पहली बार सुबह की कॉल का जवाब नहीं दिया गया हालांकि, दोपहर में संपर्क हो गया था।

तानाशाह किम जोंग उन की बहन ने कुछ दिन पहले दी थी धमकी केसीएनए के अनुसार किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने कुछ दिन पहले दक्षिण कोरिया को धमकाया था। उसके बाद ये कहा गया कि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि दक्षिण कोरियाई प्रशासन के साथ आमने-सामने बैठने और किसी मुद्दे पर बातचीत करने की जरूरत नहीं है क्योंकि उन्होंने हमें सिर्फ निराश ही किया है। 

नॉर्थ कोरिया तानाशाह किम जोंग की बहन किम यो-जोंग ने पिछले सप्ताह धमकी देते हुए कहा था कि वो सीमा पर बनाए गए आफिस को बंद कर देंगी जब तक कि दक्षिण कोरिया भगोड़े समूहों के पर्चे उत्तर कोरिया में आने से नहीं रोकता है। उन्होंने कहा था कि पर्चे का अभियान एक शत्रुतापूर्ण हरकत है जो 2018 में दक्षिण कोरिया के मून जे-इन और किम जॉन्ग-उन के बीच हुए शांति समझौतों का उल्लंघन है। 

सीमा पर क्या करते हैं भगोड़े? 

नॉर्थ कोरिया से भागकर साउथ कोरिया में शरण लेने वाले भगोड़े आमतौर पर नॉर्थ कोरिया की आलोचना में पर्चे लगे ग़ुब्बारे सीमा पर उड़ाते हैं। कई बार नॉर्थ कोरिया के लोग उसे उठाएं इसके लिए उसमें सामान भी बांध देते हैं। नॉर्थ कोरिया में सिर्फ सरकार नियंत्रित मीडिया के माध्यम से ही खबरें बाहर जा सकती हैं। आज भी इस देश में कई लोगों के पास इंटरनेट नहीं है।

नॉर्थ और साउथ कोरिया के बीच संबंध 2018 में ठीक होते हुए दिखे थे। उस समय दोनों देशों के नेता तीन बार मिले थे। बीबीसी के अनुसार इस तरह की उच्च-स्तरीय बैठक एक दशक में भी नहीं हुई थी। पिछले साल हनोई में किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच परमाणु मुद्दे पर बातचीत रुकने के बाद नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया के साथ कई संबंध तोड़ लिए थे। दोनों कोरियाई देश तकनीकी तौर पर अभी भी युद्ध में हैं क्योंकि 1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद दोनों देशों ने शांति समझौते की जगह संघर्ष विराम किया है।

अब क्या होने वाला है 

बीबीसी के अनुसार नॉर्थ कोरिया के मामले के जानकारों का कहना है कि ऐसा लगता है कि इस तरह से सारे संपर्क बंद कर देना सिर्फ सीमा से पर्चों के आने के कारण नहीं हुआ है बल्कि यह नॉर्थ कोरिया की एक बड़ी योजना का हिस्सा है। नॉर्थ कोरिया शायद आगे की बातचीत से पहले एक संकट खड़ा करना चाहती है ताकि उससे उपजे तनाव का लाभ ले सके, कम शब्दों में कहें तो यह एक ध्यान आकर्षित करने के लिए शुरू की गई लड़ाई है ताकि अपने पड़ोसी से और कुछ सहायता ली जा सके। नॉर्थ कोरिया ये खेल 2013 से पहले भी खेल चुके हैं ताकि वो साउथ कोरिया से और रियायतें ले सकें।

यह ध्यान देने वाली बात है कि इस नीति पर किम की बहन उभरकर सामने आई हैं। किम यो-जोंग ने सियोल के साथ संबंध तोड़ने के आदेश दिए हैं। यह उनको एक प्लेटफ़ॉर्म देता है और इन अटकलों को भी मजबूत करता है कि वो एक संभावित नेता के रूप में तैयार हो रही हैं लेकिन यह काफी निराशा भरा है। दो साल पहले आशाओं की लहर में दोनों नेताओं के मिलने पर देश ने जश्न मनाया था और फोन लाइन खोलने पर राजी हुए थे। अब उत्तर जाने वालीं सभी फोन कॉल्स उठाई नहीं जाएंगी।  

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