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2002 से अब तक 171 से अधिक मिसाइलें दाग चुका है उत्‍तर कोरिया, जानें- किम जोंग उन के ये टेस्‍ट क्‍यों हैं खास

उत्‍तर कोरिया लगातार कोरियाई प्रायद्वीप के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है। इस वर्ष जिस तरह से उत्‍तर कोरिया मिसाइल दाग कर उनका टेस्‍ट कर रहा है उससे जापान और दक्षिण कोरिया की हालत बेहद पतली हो गई है।

By Jagran NewsEdited By: Kamal VermaUpdated: Thu, 03 Nov 2022 10:10 AM (IST)
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किम जोंग उन ने बढ़ाई दक्षिण कोरिया और जापान की चिंता
नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। उत्‍तर कोरिया द्वारा इस वर्ष धड़ल्‍ले से मिसाइल टेस्‍ट किए जा रहे हैं। उत्‍तर कोरिया प्रमुख किम जोंग उन मिसाइल परिक्षणों को लेकर एक बार फिर अलर्ट हो गए हैं। इस साल जनवरी से उन्‍होंने मिसाइल परिक्षणों की शुरुआत की थी और लगभग हर माह उन्‍होंने इनका टेस्‍ट किया है। आपको बता दें कि इससे पहले किम के आदेश पर उत्‍तर कोरिया ने वर्ष 2017 में सबसे अधिक 16 मिसाइल परिक्षण किए थे, जिनमें आईसीबीएम का भी टेस्‍ट शामिल था। गौरतलब है कि किम ने अपने पिता और देश के सर्वोच्‍च नेता किम जोंग इल के निधन के बाद दिसंबर 2011 में सत्‍ता हासिल की थी। इसके बाद किम जोंग उन ने सबसे अधिक ध्‍यान अपने परमाणु कार्यक्रम पर भी लगाया है। सत्‍ता पाने के बाद किम के आदेश पर उत्‍तर कोरिया 150 से अधिक मिसाइलों को टेस्टिंग के नाम पर लान्‍च कर चुका है।

इसी वर्ष में दागी 71 से अधिक मिसाइल  

इस वर्ष की बात करें तो वो अब तक कुल 28 बार मिसाइल टेस्‍ट कर चुके हैं। इन 28 बार में उन्‍होंने अब तक 71 से अधिक मिसाइलें दागी हैं। मंगलवार को ही उत्‍तर कोरिया ने एक साथ 23 मिसाइलें दागी थी। 2002 से अब तक उत्‍तर कोरिया कुल 90 मिसाइल टेस्‍ट किए हैं। इस दौरान उत्‍तर कोरिया ने कुल 176 मिसाइलें दागीं, जिनमें से कुछ ही विफल रही हैं। उत्‍तर कोरिया ने अपनी हासान्‍ग 14 आईसीबीएम मिसाइल का पहला टेस्‍ट 4 जुलाई 2017 को किया था। इसके बाद इसके कई टेस्‍ट अब तक किए जा चुके हैं।

इस तरफ भी है किम जोंग उन का ध्‍यान 

उत्‍तर कोरिया द्वारा बीते कुछ वर्षों में किए गए मिसाइल टेस्‍ट से समूचे कोरियाई प्रायद्वीप में खतरा बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। इस वर्ष जिन मिसाइल टेस्‍ट को उत्‍तर कोरिया ने अंजाम दिया है उनकी खास बात ये है कि इन मिसाइलों को ट्रेन, लान्‍चर, सबमरीन से दागा गया है। इसका एक अर्थ है कि उत्‍तर कोरिया न केवल अपनी मिसाइलों को उन्‍नत बनाने का काम तेजी से कर रहा है बल्कि वो इस बात पर भी ध्‍यान दे रहा है कि जरूरत पड़ने पर इन मिसाइलों को विभिन्‍न माध्‍यमों से दागा जा सके।

क्‍यों खास हैं ये मिसाइल टेस्‍ट 

इन मिसाइल परिक्षणों की एक खास बात ये भी रही है कि इनमें उत्‍तर कोरिया ने शार्ट रेंज, मीडियम रेंज, आईसीबीएम और हाइपरसोनिक मिसाइलों का टेस्‍ट किया है। हाइपरसोनिक मिसाइल इसलिए बेहद खास है क्‍योंकि ये दुनिया के गिनेचुने देशों के पास है। ये आवाज की रफ्तार से कई गुना तेजी से जाती है।

जापान सागर निशाने पर 

उत्‍तर कोरिया की मिसाइलों का निशाना अधिकतर जापान सागर और जापान का इकनामिक जोन रहा है। उत्‍तर कोरिया की मिसाइलों से सबसे अधिक खतरा दक्षिण कोरिया और जापान को ही है। किम के निशाने पर हमेशा से ही ये दोनों देश रहे हैं। किम हमेशा से ही इस प्रायद्वीप में अमेरिका की मौजूदगी को अपने लिए सबसे बड़ा खतरा मानता आया है। यही वजह है कि जब अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच सैन्‍य अभ्‍यास हुआ था तब किम जोंग उन ने कहा था कि ये अभ्‍यास पर उन हमला करने के मकसद से किया जा रहा है। उत्‍तर कोरिया के इस वर्ष किए गए मिसाइल परिक्षणों के चलते जापान को कई बार अपने विमानों का मार्ग तक बदलना पड़ा है। हालांकि, अमेरिका ये साफ कर चुका है कि वो इन दोनों देशों की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है। दक्षिण कोरिया में अमेरिका की सेना हर वक्‍त मौजूद भी रहती है। 

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