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रूस के कब्‍जे वाले पूर्वी यूक्रेन में अपने मजदूर भेजेंगे उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन

बीते छह महीनों से जारी जंग ने यूक्रेन को तबाह कर दिया है। इस बीच उत्तर कोरिया की ओर से मजदूर भेजने की बात कही गई है जो रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के इलाके में ध्वस्त इमारतों का पुनर्निर्माण करेंगे।

By Monika MinalEdited By: Updated: Thu, 01 Sep 2022 05:13 PM (IST)
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रूस के कब्‍जे वाले पूर्वी यूक्रेन में अपने मजदूर भेजेंगे उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन
 सोल, एजेंसी। रूस के लिए उत्तर कोरिया की ओर से सहायता के संकेत मिले हैं। दरअसल यूक्रेन के जिस इलाके में रूस ने कब्जा कर लिया है, वहां जंग के दौरान क्षतिग्रस्त हुए इमारतों को दोबारा बनाने के लिए उत्तर कोरिया ने अपने मजदूरों को भेजने की पेशकश की है। 

पिछले ही माह इस बारे में उत्तर कोरिया ने राजनयिक चैनलों के जरिए संकेत दे दिया था कि यह युद्ध के नुकसान की मरम्मत के लिए अपने बिल्डर देगा। इसके साथ-साथ उत्तर कोरिया रूस के पक्ष में संतुलन बनाने के प्रयास में एक विशाल लड़ाकू बल की आपूर्ति के लिए भी सहमति दी थी।

जंग में बर्बाद हुए इमारतों का पुनर्निर्माण  

यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंंग का अब सातवां महीना शुरू हो चुका है। इस बीच उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अपने कंस्ट्रक्शन वर्करों को यूक्रेन के उस इलाके में भेजने की बात की है जो रूस के कब्जे में है।  उत्तर कोरिया के इस आइडिया को खुले तौर पर रूस के सीनियर अधिकारियों और राजनयिकों ने समर्थन दिया है। बता दें कि रूस सस्ते और मेहनती मजदूरों की तलाश में है जो यूक्रेन के बर्बाद इंफ्रास्ट्रक्चर को वापस सही हालात में ला सके। यह बात उत्तर कोरिया में रूस के राजदूत ने भी हाल में दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था।

दोनेत्सक व लुहांस्क की आजादी का पक्ष लेने वाला तीसरा देश है उत्तर कोरिया

कुछ दिन पहले ही मास्को में उत्तर कोरिया के राजदूत ने यूक्रेन के डोनबास इलाके में रूस समर्थित दो अलगाववादी इलाकों के दूतों से मुलाकात की थी। इनके बीच मजदूरों के माइग्रेशन में सहयोग पर चर्चा की गई थी। जुलाई में रूस और सीरिया के अलावा उत्तर कोरिया तीसरा देश था जिसने यूक्रेन से दोनेत्सक और लुहांस्क की आजादी का पक्ष लिया था।   

रूस के उप प्रधानमंत्री मारत खुस्नुल्लिन ने कहा है कि उत्तर कोरियाई कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने डोनबास में पुनर्निर्माण के लिए मदद की पेशकश पहले ही की थी और यदि वे आते हैं तो उनका स्वागत है। यह वही रूस है जिसने 2017 के दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा उत्तर कोरिया पर लगाए गए प्रतिबंधों का समर्थन किया था। यह प्रतिबंध उत्तर कोरिया के इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की टेस्टिंग पर लगाया गया था। मालूम हो कि चीन और रूस इस साल मिसाइल परीक्षणों पर उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लगाने के अमेरिका के नेतृत्व वाले प्रयास को पहले ही वीटो कर चुके हैं।