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जानें क्‍यों अमेरिकी प्रशासन को उत्‍तर कोरिया के तानाशाह की बहन ने दी चेतावनी, किस वजह से हैं नाराज

उत्तर कोरिया के तानाशाह नेता किम जोंग उन (Kim Jong Un) की बहन किम यो जोंग (Kim Yo Jong) ने अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी है। किम यो जोंग ने दक्षिण कोरिया में चल रहे सैन्य अभ्यास की आलोचना की।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Tue, 16 Mar 2021 10:34 PM (IST)
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तानाशाह नेता किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी

सियोल, एजेंसियां। उत्तर कोरिया के तानाशाह नेता किम जोंग-उन की बेहद शक्तिशाली बहन किम यो जोंग ने अमेरिका को सख्त लहजे में चेतावनी दी है। किम यो जोंग ने दक्षिण कोरिया में चल रहे सैन्य अभ्यास की आलोचना की। उन्होंने दक्षिण कोरिया से शांति समझौता तोड़ने की भी धमकी दी। उन्‍होंने नए अमेरिकी प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शांति चाहते हैं तो बुरे व्‍यवहार से परहेज करें। उत्‍तर कोरिया की राज्‍य मीडिया केसीएनए ने किम यो जोंग का बयान प्रकाशित किया है। किम की अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन को लेकर यह पहली प्रतिक्रिया है।

उत्तर कोरिया के भड़कने का कारण दक्षिण कोरिया के साथ अमेरिका का संयुक्त युद्धाभ्यास और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन व रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की प्रस्तावित यात्रा है। केसीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, किम यो जोंग ने कहा है कि हम अमेरिकी प्रशासन को चेतावनी देना चाहते हैं कि वे लोग हमारी जमीन बारूद की गंध फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर वे अगले चार साल शांति से सोना चाहते हैं तो उन्‍हें अस्थिरता का कारण बनने से बचना चाहिए। किम यो जोंग ने कहा कि अमेरिका की इन कोशिशों से शांति स्थापित नहीं होगी। युद्धाभ्यास और शत्रुता से संवाद और सहयोग स्थापित नहीं हो सकता है। हमारी निगाह दक्षिण कोरिया पर है। उसकी तरफ से उकसावे वाली कार्रवाई ज्यादा हुई तो उत्तरी कोरिया विशेष कदम उठाने पर विचार कर सकता है।

किम यो जोंग के बयान के संदर्भ में जब अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन से सवाल पूछा गया तो उन्होंने टोक्यो में कहा कि हमें इस बयान की जानकारी है, लेकिन हमारी प्रतिक्रिया से ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि हमारे पार्टनर और सहयोगी देश उत्तर कोरिया के बारे में क्या सोचते हैं।

ज्ञात हो कि उत्‍तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच संबंधों में काफी लंबे समय से खटास है। दोनों देशों के बीच संबंधों को मधुर बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए गए, मगर फायदा नहीं हुआ। आज भी दोनों देशों के बीच तल्खी बनी हुई है। पिछले नवंबर के महीने दोनों देशों के बीच संबंधों को मधुर करने के लिए साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे उन की ओर से फिर से कदम उठाया गया था। इसमें दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून-जे-इन ने उत्‍तर कोरिया के साथ सैन्य हॉटलाइन को बहाल करने के लिए कहा था, जिससे अप्रत्याशित घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। हॉटलाइन बहाल होने के बाद सीमा पर मौजूद दोनों देशों के प्रतिनिधि आपस में बात कर सकेंगे, जिससे अप्रत्‍याशित घटनाओं पर लगाई जा सके।

आपको बता दें कि कुछ माह पहले तक दक्षिण कोरिया के लोग सीमा पर पहुंचकर उत्‍तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री को गुब्बारे की मदद से उड़ाते थे। यह सामग्री उत्‍तर कोरिया के शहर में जाकर गिरती थी, जिसकी वजह से तानाशाह के बारे में लोगों को गलत जानकारी मिलती थी। इस तरह की घटनाएं सामने आने के बाद उत्‍तर कोरिया के तानाशाहकी बहन किम यो जोंग ने दक्षिण कोरिया को इस पर रोक लगाने की मांग की थी। मगर दक्षिण कोरिया की ओर से इस पर खास ध्यान नहीं दिया गया। इससे नाराज होकर किम यो जोंग ने कहा था कि जब दक्षिण कोरिया उनकी बातों पर ध्यान नहीं देता है तो सीमा पर बनाए गए लॉयजन ऑफिस का क्या मतलब है। उसके अगले दिन उत्‍तर कोरिया ने धमाके कर इस लॉयजन ऑफिस को ही बम से उड़ा दिया था। साथ ही दोनों देशों के बीच हॉटलाइन को भी खत्म कर दिया गया था। हॉटलाइन खत्म होने के बाद दोनों देशों के बीच संवाद पूरी तरह से बंद हो गया था।

किम यो जोंग ने संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास को हमले की तैयारी बताया है। उत्तर कोरिया में किम जोंग उन के बाद उनकी बहन को सबसे ताकतवर समझा जाता है। विशेषज्ञों ने कहा कि सियोल में अमेरिकी रक्षा और विदेश मंत्री के एजेंडे में उत्‍तर कोरिया सबसे ऊपर होगा। इससे पहले जनवरी में प्रशासन संभालने वाले जो बाइडेन प्रशासन ने कहा था कि हमने कई बार उत्‍तर कोरिया से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। जो बाइडेन के सत्‍ता संभालने के पूर्व उत्‍तर कोरिया तानाशाह किग जोंग उन ने कहा था कि अमेरिका हमारा सबसे बड़ा दुश्‍मन है। हमें एडवांस परमाणु शस्‍त्रों के विकास के लिए प्रयास तेज करना चाहिए।