अब आपके इरादे भी भांप लेगा एआइ, मानव व्यवहार की बारीकियां सिखा रहे वैज्ञानिक
इससे मशीन और मनुष्य के बीच सहकारी संबंध स्थापित होंगे और काम और अच्छे तरीके से हो पाएगा।
By Dhyanendra SinghEdited By: Updated: Thu, 19 Mar 2020 07:38 PM (IST)
मेलबर्न, प्रेट्र। कल्पना कीजिए कोई रोबोटिक मशीन आपने सामने रखी हो और वह आपने मन में चल रही उहापोह का शब्दश: वर्णन कर दे। पहली नजर में यह किसी फिल्म का एक छोटा-सा हिस्सा लगता है, पर अब ऐसा वास्तविकता में भी संभव हो सकता है। क्योंकि वैज्ञानिक ऐसी रोबोटिक मशीनें तैयार करने में जुट गए हैं। इसके लिए वे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) सिस्टम को मानवीय व्यवहार की बारीकियां भी सिखा रहे हैं ताकि मशीनें लोगों के इरादों को समय रहते भांप सकें और कुछ भी अंदेशा होने पर पूर्व सूचना दे सकें।
ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स (UNSW) के शोधकर्ताओं ने कहा, 'बढ़ते एआइ के युग में अब ऐसी मशीनें तैयार की जाने लगी हैं, जिनमें ऐसी क्षमता है कि वे मनुष्यों से बात करते हुए उनके इरादों को भी भांप सकती हैं।' उन्होंने कहा कि वर्तमान में एआइ किसी व्यक्ति के इरादों का पता लगाने के लिए प्रशंसनीय काम कर सकता है। इसके अलावा इसके जरिये किसी स्थिति में मनुष्य की अलग-अलग प्रतिक्रियाओं की एक संभावित सूची भी बनाई जा सकती है। इससे यह पता लगाया जा सकता कि किसी विशेष परिस्थिति में मनुष्य किस तरह की प्रतिक्रियाएं दे सकता है।
समय के साथ-साथ मनुष्यों का मशीनों से बढ़ता है लगाव
यूएनएसडब्ल्यू की वरिष्ठ लेक्चरर लीला याओ ने कहा, 'समय के साथ-साथ मनुष्यों का मशीनों से लगाव बढ़ता जा रहा है। मशीनें भी मनुष्यों की तरह सोचें और काम करने में मदद करें, इसके लिए जरूरी है कि इसके सिस्टम को और बेहतर किया जाए। इससे बातचीत के आधार में मशीनें न सिर्फ बेहतर निर्णय ले सकेंगी बल्कि हमारे हमारे इरादों का पूर्वानुमान भी लगा सकेंगी।'
बढ़ेगी निर्णय लेने की क्षमतायाओ ने कहा कि एआइ सिस्टम को बेहतर करने के बदले में यह हमारे लिए काम और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ा सकता है। इससे मशीन और मनुष्य के बीच सहकारी संबंध स्थापित होंगे और काम और अच्छे तरीके से हो पाएगा। शोधकर्ताओं ने कहा कि हालांकि अभी मनुष्य के इरादों का शत प्रतिशत सही पूर्वानुमान लगाने वाली मशीनों को तैयार करने में थोड़ा समय लगेगा क्योंकि मनुष्य भी किसी दूसरे व्यक्ति के मन में चल रही उधेड़बुन का ठीक-ठीक पता नहीं लगा पाते।
प्रोटोटाइप सिस्टम किया तैयारयोओ ने कहा, ' कभी-कभी लोग कुछ ऐसा काम कर देते हैं जिससे लोग परेशान हो सकते हैं या किसी अन्य व्यक्ति के कायरें में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए हमारी टीम ने मिल कर एक प्रोटोटाइप सिस्टम तैयार किया है, जो मनुष्यों से बात कर सकता है और इसी के आधार पर उनके इरादों को भांप सकता है।'ईईजी डिवाइस की ली जाएगी मदद
उन्होंने कहा कि लोगों के इरादों का पता लगाने के लिए एक ईईजी (इलेक्ट्रोइन्सेफलोग्राम) डिवाइस बेहद कारगर सिद्ध हो सकती है। इसे पहनने के बाद व्यक्ति के प्रत्येक मूवमेंट का उसे मस्तिष्क में उठ रही तरंगों के जरिये पता लगाया जा सकता है, जिसका एआइ आसानी से विश्लेषण कर सकता है।मरीजों के लिए भी है कारगरयाओ ने कहा कि इसके जरिये दिव्यांग लोग, खास तौर पर जो बोल नहीं पाते हैं उन्हें फायदा हो सकता है। इसकी मदद से कहीं आने-जाने के लिए वे लोगों से मदद मांग सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति आइसीयू में भर्ती है और वह बोल नहीं सकता। ऐसे में ईईजी डिवाइस के जरिये एआइ उससे मस्तिष्क के पैटर्न का अध्ययन कर यह बता सकता है कि वह क्या चाहता है। उन्होंने कहा कि हम जो कर रहे हैं उससे कुछ अच्छे एल्गोरिदम विकसित हो सकते हैं। इसका इस्तेमाल स्थितियों में किया जा सकता है जहां तुरंत निर्णय लेने की आवश्यकता होती है।