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NSA Meet in UAE: यूक्रेन पर आयोजित बैठक में शामिल हुए NSA डोभाल, कहा-संघर्ष का समाधान खोजने के लिए भारत सक्रिय

NSA Meet In Jeddah यूक्रेन में संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के मकसद से सऊदी अरब के शहर जेद्दा में हो रहे दो दिवसीय सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने शनिवार को शिरकत की। इस सम्मेलन की मेज़बानी सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान कर रहे हैं। इसमें करीब 40 देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारीयों ने हिस्सा लिया।

By Babli KumariEdited By: Babli KumariUpdated: Sun, 06 Aug 2023 08:20 AM (IST)
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (फाइल फोटो)

जेद्दा, एजेंसी। यूक्रेन में संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के मकसद से सऊदी अरब के शहर जेद्दा में हो रहे दो दिवसीय सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने शनिवार को शिरकत की। उनके साथ ही कई अन्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी इस सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस सम्मेलन की मेज़बानी सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने की। इसमें करीब 40 देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारीयों ने हिस्सा लिया।

सूत्रों के अनुसार, एनएसए डोभाल ने बैठक में कहा कि भारत ने संघर्ष की शुरुआत से ही शीर्ष स्तर पर रूस और यूक्रेन दोनों के साथ नियमित रूप से बातचीत की है। उन्होंने बताया, भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून में निहित सिद्धांतों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था का समर्थन करता है। सभी राज्यों द्वारा संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान बिना किसी अपवाद के बरकरार रखा जाना चाहिए।

भारत यूक्रेन को दे रहा सभी प्रकार की मानवीय सहायता 

भारतीय एनएसए ने कहा, एक उचित और स्थायी समाधान खोजने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करते हुए सभी शांति प्रयासों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। पूरी दुनिया और खासकर ग्लोबल साउथ इस स्थिति का खामियाजा भुगत रहा है। भारत यूक्रेन को मानवीय सहायता और ग्लोबल साउथ में अपने पड़ोसियों को आर्थिक सहायता दोनों प्रदान कर रहा है।

बहुत अधिक जमीनी कार्य की आवश्यकता- NSA अजित डोभाल 

सूत्रों के अनुसार,  एनएसए ने कहा कि बैठक में दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है - स्थिति का समाधान और संघर्ष के परिणामों को नरम करना। प्रयासों को दोनों मोर्चों पर एक साथ निर्देशित किया जाना चाहिए और इसे सुनिश्चित करने के लिए बहुत अधिक जमीनी कार्य की आवश्यकता है। वर्तमान में, कई शांति प्रस्ताव सामने रखे गए हैं। प्रत्येक के कुछ सकारात्मक बिंदु हैं लेकिन दोनों पक्षों को कोई भी स्वीकार्य नहीं है। इस बैठक में जिस मुख्य प्रश्न पर ध्यान देने की आवश्यकता है वह यह है कि क्या कोई ऐसा समाधान खोजा जा सकता है जो सभी संबंधित हितधारकों को स्वीकार्य हो। 

उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि भारत स्थायी और व्यापक समाधान खोजने के लिए एक सक्रिय और इच्छुक भागीदार बना रहेगा। ऐसे परिणाम से अधिक खुशी और संतुष्टि भारत को कोई और चीज नहीं दे सकती।