BIMSTEC में हिस्सा लेने पहुंचे NSA अजीत डोभाल, म्यांमार में जारी हिंसा पर रखा भारत का पक्ष
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ में हैं। इस दौरान NSA डोभाल BIMSTEC समूह के सदस्य देशों के सुरक्षा प्रमुखों की बैठक में भाग लिया। म्यांमार में जारी हिंसा और अस्थिरता पर अजीत डोभाल ने भारत की चिंताओं को भी सामने रखा। यह बैठक सदस्य देशों के समक्ष आने वाली आम सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए बुलाई गई है।
पीटीआई, नेपीडॉ। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल म्यांमार दौरे पर है। इस दौरान उन्होंने म्यांमार के समकक्ष एडमिरल मो आंग से मुलाकात की। डोभाल ने म्यांमार में हिंसा और अस्थिरता को लेकर भारत की चिंताओं पर प्रकाश डाला। अजीत डोभाल फिलहाल BIMSTEC समूह के सदस्य देशों के सुरक्षा प्रमुखों की बैठक में भाग लेने के लिए म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ में हैं।
म्यांमार में तख्तापलट के बाद से जारी हिंसा
बता दें कि म्यांमार में 2021 में तख्तापलट के बाद से ही वहां लोकतंत्र की बहाली को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी है। म्यांमार के कई इलाकों में सैन्य जुंटा और प्रतिरोध बलों के बीच झड़प देखी जा रही है। प्रतिरोधी बलों ने कई इलाकों में कब्जा कर लिया है।
म्यांमार की राजधानी में यह बैठक सदस्य देशों के समक्ष आने वाली आम सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण पहलों की रणनीति बनाने और समन्वय स्थापित करने के लिए बुलाई गई है।
BIMSTEC का नेतृत्व कर रहे डोभाल
भारतीय दूतावास ने यहां एक्स पर एक पोस्ट में कहा, एनएसए अजीत डोभाल आज नेपीडॉ में आयोजित #BIMSTEC सुरक्षा प्रमुखों की चौथी वार्षिक बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।डोभाल ने गुरुवार को अपने म्यांमार समकक्ष एडमिरल मो आंग से मुलाकात की। उन्होंने अन्य BIMSTEC सुरक्षा प्रमुखों के साथ प्रधानमंत्री सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग से भी मुलाकात की।डोभाल गुरुवार को हनोई से यहां पहुंचे थे, जहां उन्होंने वियतनाम की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फू ट्रोंग के राजकीय अंतिम संस्कार में भाग लिया था। गुयेन फू ट्रोंग का पिछले सप्ताह यहां निधन हो गया था। डोभाल ने देश के नेतृत्व को भारत की ओर से संवेदनाएं व्यक्त कीं।
बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है जो बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों को जोड़ता है ताकि आर्थिक विकास, व्यापार और परिवहन, ऊर्जा और आतंकवाद-निरोध (counter-terrorism) जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।इसका उद्देश्य अपने सदस्य देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है, जिनमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं।
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