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Nepal: नेपाल में ओली ने समर्थन लिया वापस, अल्पमत में प्रचंड सरकार; अब संसद में होगा फैसला

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल पार्टी ने सोमवार पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया जिसके बाद प्रचंड सरकार अल्पमत में आ गई। पुष्प कमल दहल प्रचंड ने मंगलवार को पद छोड़ने से इनकार करते हुए विश्वास मत हासिल करने का एलान किया था।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 04 Jul 2024 04:00 AM (IST)
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नेपाल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की सरकार अल्पमत में

 एएनआई, काठमांडू। दो दिन चले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद बुधवार को नेपाल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की सरकार अल्पमत में आ गई। तेज घटनाक्रम में सबसे बड़े सहयोगी दल नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) के मंत्रियों ने समर्थन वापसी की घोषणा करते हुए अपने पदों से इस्तीफे दे दिए जिसके बाद दहल सरकार का जाना लगभग तय हो गया।

दहल सरकार अल्पमत में

दहल की पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के प्रतिनिधि सभा में केवल 32 सदस्य हैं। मंगलवार को सरकार के समर्थन को लेकर 24 घंटे की समयसीमा देने वाली नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) ने देर शाम दहल सरकार से समर्थन वापस ले लिया। सहयोगी दल ने प्रधानमंत्री दहल को सम्मानजनक तरीके से पद छोड़ने के लिए 24 घंटे का समय दिया था। यह समयसीमा खत्म होते ही उसने सरकार से समर्थन वापस लिया और दहल सरकार अल्पमत में आ गई।

बुधवार को सीपीएन (यूएमएल) के आठ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री दहल के सरकारी आवास में जाकर उन्हें इस्तीफा सौंप दिया। दहल सरकार इसी वर्ष चार मार्च को अस्तित्व में आई थी। इसके बाद इस्तीफा देने वाली सभी मंत्रियों ने अपनी पार्टी के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली से मुलाकात की।

प्रधानमंत्री दहल ने अपने पद से इस्तीफा देने से किया इनकार

ओली के साथ मीडिया के सामने उपस्थित होकर इन मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने अपने इस्तीफे प्रधानमंत्री दहल को सौंप दिए हैं और सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। अब हम दहल सरकार का हिस्सा नहीं हैं। इस बीच प्रधानमंत्री दहल ने अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। मंगलवार को नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के पदाधिकारियों ने बैठक कर अपने नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड को इस्तीफा न देने के लिए कहा था।

दहल संसद में अपना बहुमत साबित करेंगे

पार्टी ने कहा है कि प्रधानमंत्री दहल संसद में अपना बहुमत साबित करेंगे। बहुमत खोने का अंदेशा होने पर प्रधानमंत्री को 30 के भीतर संसद में अपना बहुमत साबित करना होता है। इससे पहले सोमवार को सीपीएन (यूएमएल) और नेपाली कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने पर सहमति बना ली थी। दोनों दलों के समझौते के तहत ओली देश के नए प्रधानमंत्री होंगे। वह डेढ़ वर्ष तक प्रधानमंत्री पद पर रहेंगे, उसके बाद नेपाली कांग्रेस के शेर बहादुर देउबा प्रधानमंत्री पद संभालेंगे। बुधवार को भी दोनों दलों के शीर्ष नेताओं ने बैठक करके भविष्य में बनने वाली सरकार की रूपरेखा तैयार की।

ओली के पास होगा 167 सांसदों का समर्थन

नेपाल की संसद के सदन प्रतिनिधि सभा में 89 सीटों के साथ नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है जबकि सीपीएन (यूएमएल) के 78 सदस्य हैं। दोनों पार्टियों के पास कुल 167 सांसद हैं जबकि 275 सदस्यों वाली प्रतिनिधि सभा में सरकार के लिए 138 सांसदों का समर्थन चाहिए। इस लिहाज से कांग्रेस के समर्थन से ओली को सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

त्यागपत्र देकर नई सरकार का रास्ता साफ करें प्रचंड: देउबा

नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने बुधवार को कहा कि नई सरकार के गठन का रास्ता साफ करने के लिए प्रचंड को त्यागपत्र दे देना चाहिए। प्रचंड ने मंगलवार को पद छोड़ने से इनकार करते हुए विश्वास मत हासिल करने का एलान किया था।

बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने कहा कि नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के नेता पीएम प्रचंड को देश की दो सबसे बड़ी पार्टियों के साथ आने के बाद पद से त्यागपत्र देकर नई सरकार का रास्ता साफ कर देना चाहिए। यदि प्रचंड ऐसा नहीं करते हैं तो नई सरकार संवैधानिक प्रक्रिया के तहत गठित होगी। संवैधानिक प्रविधान के तहत पीएम द्वारा बहुमत का समर्थन खोने पर उन्हें 30 दिन के भीतर सदन में बहुमत साबित करना होगा।