रूय-यूक्रेन युद्द पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- भारत को रूस पर दबाव डालने को कहा गया था, और…
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत वैक्सीन के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है। भारत अपने देशवासियों को टीका लगाने के साथ ही अन्य देशों की मदद की है। करोना महामारी के दौरान हम टीकों के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक थे और आज भी हैं।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 06 Oct 2022 11:37 PM (IST)
आकलैंड, एएनआइ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि भारत वैक्सीन के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है। भारत अपने देशवासियों को टीका लगाने के साथ ही अन्य देशों की भी मदद की है। उन्होंने आकलैंड सामुदायिक व्यवसाय (Auckland community business) को संबोधित करते हुए कहा, 'करोना महामारी के दौरान हम टीकों के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक थे और आज भी हैं।
भारत से किया गया था निवेदन
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यक्रम में रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि भारत को रूस पर दबाव डालने के लिए कहा गया था, जिसके बाद भारत ने रूस से इसके लिए निवेदन किया। उन्होंन कहा कि जापोरिज्या परमाणु ऊर्जा संयंत्र को लेकर जब पूरी दुनिया चिंतित थी, उसी दौरान भारत से रूस पर दबाव डालने की गुहार लगाई गई थी। उन्होंने आगे कहा कि मैं उस दौरान संयुक्त राष्ट्र के दौरे पर था और उसी समय हमसे निवेदन किया गया कि हम रूस पर दबाव डालें। हालांकि हमने इसको एक गंभीर चिंता के रूप में लिया और रूस को इस चिंता से रूबरू कराया।
विश्व में दोहरे मापदंड का चलन पुराना
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विश्व रूस-यूक्रेन युद्ध से ग्रसित है। उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण को भी एक बड़ा मुद्दा बताया। दुनिया में दोहरे मापदंड और भारत की स्थिति पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दोहरे मापदंड का चलन पुराना है। उन्होंने आगे कहा, 'पिछले कुछ वर्षों में हमने जो बदलाव देखे हैं उनमें से एक यह भी है कि अमेरिका अपने खुद के पुराने गठबंधन, संधि (Treaty) और रिश्ते से बाहर के देशों के साथ काम करने के लिए आगे बढ़ा है। उन्होंने आगे कहा कि आपके पास अदालत जैसे तंत्र हैं, जिसमें अमेरिका के लिए कुछ गठबंधन शामिल हैं। हालांकि भारत जैसा भी देश है जो ऐतिहासिक रूप से गठबंधनों और संधियों से दूर रहा है।यह भी पढ़ें- जयशंकर ने न्यूजीलैंड की भारतीय मूल की मंत्री से की मुलाकात, सांसदों और भारतीय छात्रों से भी मिले
तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा भारत
विदेश मंत्री ने कहा कि 1970 और 1980 के दशक में प्रमुख निर्णय जी-7 देशों के द्वारा लिए जाते थे, लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव हुआ और इसका केंद्र जी-20 (G20) देशों की ओर स्थानांतरित हो गया। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इस दशक के अंत तक इसको दुनिया के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।