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'झूठ और धोखे के दम पर नहीं चलती कूटनीति', भारत के प्रति बदला रुख तो अपने ही देश में घिरे मुइज्जू

भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बदले रुख से हर कोई हैरान है। अब उनके देश में ही मुख्य विपक्षी पार्टी ने मुइज्जू के इस रूख पर निशाना साधा। मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष ने भी मुइज्जू की भारत यात्रा पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। वहीं मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद ने भारत को स्वाभाविक साझीदार बताया।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 08 Oct 2024 10:44 PM (IST)
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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू। (फोटो- रॉयटर्स)
पीटीआई, माले। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने जैसे ही भारत के प्रति अपना रुख बदला मंगलवार को उनके देश के प्रमुख विपक्षी दल ने अनुभवहीन सरकार की खिंचाई कर दी। मालदीव के विपक्षी दल ने कहा कि मुइज्जू सरकार को अब अहसास हुआ है कि कूटनीति को झूठ और धोखे के दम पर नहीं चलाया जा सकता है।

भारत और मालदीव स्वाभाविक साझीदार

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद ने नई दिल्ली में भारतीय नेतृत्व के साथ मुइज्जू की बैठकों पर भारत और मालदीव को स्वाभाविक साझीदार बताया। वहीं प्रमुख विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने मालदीव और भारत के बीच पुराने संबंधों के वापस प्रगाढ़ होने पर खुशी जताई है।

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मुइज्जू ने चलाया था 'इंडिया आउट' अभियान

शाहिद ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि वह राष्ट्रपति इब्राहिम सोहिल के समय से जारी परियोजनाओं पर भारत के समर्थन में काम करते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू छह से 10 अक्टूबर तक भारत की अपनी पहली सरकारी यात्रा पर हैं। उन्होंने पिछले साल नवंबर में ही सत्ता संभाली थी और आते ही भारत के खिलाफ 'इंडिया आउट' का अभियान चलाया था।

मालदीव से लौटे 90 सैन्य अधिकारी

आपसी समझौते के बाद इस साल 10 मई को भारत के 90 सैन्य अफसर भारत लौट आए थे। यह वही सैनिक थे जो मालदीव की पिछली सरकार के आग्रह पर उनकी मदद के लिए वहां तैनात किए गए थे। दोनों देशों के बीच संबंध इतने तल्ख हो गए कि मुइज्जू के दो मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपशब्द कहे और उसके बाद भारतीय पर्यटकों ने मालद्वीव जाने से इन्कार कर दिया।

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