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डूरंड लाइन को लेकर पाकिस्तान और तालिबान में गुपचुप समझौता

Durand Line तालिबान के पिछले शासन में भी पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में करीब डेढ़ किलोमीटर भीतर जाकर तार बाड़ लगा दी थी जिसके चलते तालिबान के बाद आई करजई और गनी सरकारों से पाकिस्तान की तड़का-भड़की चलती रही।

By Monika MinalEdited By: Updated: Sun, 09 Jan 2022 02:46 AM (IST)
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डूरंड लाइन को लेकर पाकिस्तान और तालिबान में गुपचुप समझौता

इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान (Pakistan) और अफगानिस्तान (Afghanistan) को विभाजित करने वाली सीमा रेखा डूरंड लाइन (Durand Line) को लेकर दोनों देशों के बीच गुपचुप समझौता होने की खबर है। पता चला है कि पाकिस्तानी सेना ने तालिबान पर दबाव बनाकर उसे अपने दावे से पीछे हटने के लिए बाध्य किया। इससे पहले अफगानिस्तान की अंतरिम तालिबान सरकार ने डूरंड लाइन को स्वीकार न करने का एलान किया था। इसी के चलते तालिबान ने दिसंबर में पाकिस्तानी सेना की देखरेख में डूरंड लाइन पर लग रही तार बाड़ उखाड़ फेंकी थी और मौके से तार जब्त कर लिया था।

चमन बार्डर को पाकिस्तान ने कर दिया था बंद

अपुष्ट सूत्रों के अनुसार उस समय दोनों पक्षों में आधा घंटे तक फायरिंग भी हुई थी। इस घटना के बाद तालिबान पर दबाव बढ़ाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान से लगने वाला चमन बार्डर बंद कर दिया। इस मार्ग से रोज सैकड़ों ट्रक एक-दूसरे के देश में माल लेकर जाते-आते हैं। साथ ही हजारों लोग भी आते-जाते हैं। इसी के साथ पाकिस्तान ने तोरखम बार्डर भी बंद कर दिया और पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की काबुल की नियमित विमान सेवा भी रोक दी। इस सबसे जरूरी सामान और धन की किल्लत झेल रहा तालिबान प्रशासन दबाव में आ गया। इसके बाद पाकिस्तानी सेना के जनरलों और तालिबान प्रशासन की बैठक में तार बाड़ लगाने का बाकी कार्य पूरा करने पर सहमति बन गई।

तालिबान के पिछले शासन में भी पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में करीब डेढ़ किलोमीटर भीतर जाकर तार बाड़ लगा दी थी जिसके चलते तालिबान के बाद आई करजई और गनी सरकारों से पाकिस्तान की तड़का-भड़की चलती रही। चमन बार्डर के करीब तार बाड़ को भी पाकिस्तान ने अफगान इलाके में एक किलोमीटर भीतर लगाया है। मुश्किल में फंसा और समर्थन के एहसान से दबा तालिबान इस पर पाकिस्तान से कुछ नहीं कह पा रहा है।