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बेरूत में लापरवाही बनी भीषण बर्बादी की वजह, तबाही के बाद गुस्‍से में हैं लोग

बेरूत में हुए धमाके से वहां के लोगों के गुस्‍सा साफ दिखाई दे रहा है। सरकार भी मान रही है कि इस धमाके के पीछे बड़ी वजह लापरवाही रही है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 07 Aug 2020 07:56 AM (IST)
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बेरूत में लापरवाही बनी भीषण बर्बादी की वजह, तबाही के बाद गुस्‍से में हैं लोग
बेरूत (न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स)। लेबनान की राजधानी बेरूत में तबाही के बाद अब गुस्से का मंजर है। लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि लापरवाही और कुप्रबंध के चलते इतना भीषण धमाका हुआ, जिससे ना सिर्फ शहर बल्कि पूरा मुल्क दहल गया। इसमें 135 लोगों की जान चली गई और करीब पांच हजार घायल हो गए। हालांकि सरकार ने वादा किया है कि वह जांच कराकर उन लोगों की जवाबदेही तय करेगी, जो इस भीषण धमाके लिए जिम्मेदार पाए जाएंगे।

वर्ष 2013 में आया था अमोनियम नाइट्रेट

अधिकारियों के अनुसार, बेरूत के बंदरगाह पर वर्ष 2013 में एक शिपमेंट से 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट आया था, जिसे एक गोदाम में रख गया था। इसका इस्तेमाल फर्टिलाइजर और बम बनाने में किया जाता है। लेकिन इतनी ब़़डी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट को बिना किसी सुरक्षा इंतजाम को इस तरह छोड़ दिया था कि जैसे यह कोई सामान्य चीज हो। इस लापरवाही का खामियाजा मंगलवार को भीषण धमाके के रूप में सामने आया। आतिशबाजी से गोदाम में आग लगने से धमाका होने का अंदेशा है।

अमोनियम नाइट्रेट बनी वजह

प्रधानमंत्री हसन दिएब ने कहा, 'यह लापरवाही की हद है कि गोदाम में बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के अमोनियम नाइट्रेट का इतना बड़ा जखीरा रखा था। यह अक्षम्य है। इस पर हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते।' इस घटना से बेरूत के लोगों में भी काफी गुस्सा है। नदा चेमली नामक एक कारोबारी ने गुस्से में कहा, 'धमाके में मेरी दुकान और घर तबाह हो गया है। सरकार से भी मदद मिलने की उम्मीद नहीं है। इतनी गंभीर लापरवाही का खामियाजा भुगतने पर हमारी कौन मदद करेगा?' 42 साल के रोजर मैटर ने बताया कि धमाका इतना तीव्र था कि उसके अपार्टमेंट की खिड़कियां और दरवाजों के शीशे तक चकनाचूर हो गए। सब लोग अब भी सहमे हुए हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है?  

करीब आधे शहर को पहुंचा नुकसान

समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, बेरूत के गवर्नर मारवन अबोद ने बताया कि धमाके से करीब आधे शहर को नुकसान पहुंचा है। इस भीषण विस्फोट के चलते शहर को 15 अरब डॉलर (करीब एक लाख दस हजार करोड़ रुपये) तक की क्षति पहुंचने का अनुमान है। तीन लाख लोग बेघर हो गए हैं। बेरूत में धमाका इतना तीव्र हुआ था कि उसकी गूंज 160 किलोमीटर दूर साइप्रस तक सुनाई दी थी।

नजरबंद किए गए पोर्ट अधिकारी

एपी के मुताबिक, धमाके की जांच शुरू हो गई है। जांच में खासतौर पर लापरवाही को केंद्र में रखा गया है। सरकार ने बेरूत पोर्ट के कई अधिकारियों को नजरबंद करने का आदेश दिया है। यह आशंका जताई जा रही है कि गोदाम की सुरक्षा में लापरवाही के नतीजन यह भीषण घटना हुई।

फ्रांस के राष्ट्रपति पहुंचे बेरूत

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भीषण धमाके के मद्देनजर लेबनान के प्रति समर्थन जाहिर करने के लिए बेरूत पहुंच गए हैं। इस विकट स्थिति में राहत और बचाव के लिए कई अन्य देशों ने भी मदद के लिए हाथ ब़़ढाया है। हालांकि आर्थिक संकट से जूझ रहे लेबनान को शहर के पुनर्निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय मदद की जरूरत पड़ेगी।