राष्ट्रपति ने किया था युद्धविराम का आह्वान, लेकिन नहीं थमा प्रर्दशन, प्रदर्शनकारियों पर छोड़े आंसू गैस के गोले
राष्ट्रपति दीना बोलुआर्टे ने लगभग 2 महीने से चल विरोध प्रदर्शनों के बाद शांति का आह्वान किया था। लेकिन कुछ ही घंटों के बाद पेरू की राजधानी में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे। (फाइल फोटो)
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Wed, 25 Jan 2023 12:05 PM (IST)
लीमा, एजेंसी। राष्ट्रपति दीना बोलुआर्टे ने लगभग दो महीने से चल विरोध प्रदर्शनों के बाद "शांति" का आह्वान किया था। मगर इसके कुछ ही घंटों के बाद पेरू की राजधानी में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष करने लगे। पुलिस के द्वारा उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पेलेट गन का इस्तेमाल किया गया। सरकार विरोधी प्रदर्शन मंगलवार का सबसे बड़ा और सबसे हिंसक था। पिछले गुरुवार के बाद से यह सबसे बड़ा था प्रर्दशन रहा था। इस दौरान भारी संख्या में लोग राजधानी में बोलुआर्टे के इस्तीफे, तत्काल चुनाव और कांग्रेस के विघटन की मांग करने के लिए उतरे थे।
ऐसा लगता है कि अब लोग जाग गए हैं- प्रदर्शनकारी
पेरू के राष्ट्रपति के बारे में 48 साल की ब्लैंका एस्पाना मेसा ने कहा, "जब तक वह सच नहीं बोलती हैं, तब तक कोई समझौता नहीं हो सकता है।" आंसू गैस से उसकी आंखें नम दिख रही थीं। मगर, एस्पाना मेसा ने कहा कि वह "खुश थी क्योंकि आज बहुत सारे लोग आए थे। ऐसा लगता है जैसे लोग जाग गए हैं।"
राजधानी और गांवों के विभाजन को साफ दिखाते हैं प्रदर्शन
राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो के निष्कासन के बाद हुए अधिकांश बड़े सरकार-विरोधी विरोध पेरू के सुदूर क्षेत्रों में हुए। पिछले सप्ताह से पहले बड़े पैमाने पर देश के दक्षिण में प्रदर्शन हुए। यह राजधानी के निवासियों और लंबे समय से उपेक्षित ग्रामीण इलाकों के बीच गहरे विभाजन को उजागर करते हैं।7 दिसंबर से शुरू हुआ हिंसा का दौर
दो दशकों से अधिक समय में पेरू की सबसे खराब राजनीतिक हिंसा का संकट 7 दिसंबर को शुरू हुआ। तब पेरू के ग्रामीण एंडियन पृष्ठभूमि के पहले नेता कास्टिलो ने कांग्रेस को भंग करने का आदेश देकर अपने युवा प्रशासन के तीसरी महाभियोग की कार्यवाही को शॉर्ट-सर्किट करने की कोशिश की थी। मगर, सांसदों ने इसके बजाय उन पर महाभियोग लगाया। राष्ट्रीय पुलिस ने उन्हें सुरक्षित ठिकाना खोजने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उनके उपाध्यक्ष रहे बोलुआर्टे ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
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अब तक 56 लोगों की मौत हो चुकी है
पेरू के लोकपाल के अनुसार, तब से कास्टिलो के समर्थकों से जुड़ी अशांति के बीच 56 लोगों की मौत हो गई। इनमें से 45 सुरक्षा बलों के साथ सीधे संघर्ष में मारे गए। लीमा में कोई भी मौत नहीं हुई है।
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