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कोरोना वैक्‍सीन की कमी से जूझ रहे श्रीलंका में पहली डोज दी गई एस्ट्राजेनेका की, दूसरी फाइजर

श्रीलंका में अप्रैल के बाद से कोरोना वायरस संक्रमण और मौतों में तेज से वृद्धि देखी गई थी। श्रीलंका में 3268 मौतें के साथ 266499 मामले दर्ज किए थे। ज्‍यादातर गरीब देश इस समय कोरोना वैक्‍सीन की कमी से जूझ रहे हैं।

By TilakrajEdited By: Updated: Wed, 07 Jul 2021 03:26 PM (IST)
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श्रीलंका में अप्रैल के बाद से कोरोना वायरस संक्रमण और मौतों में तेज से वृद्धि देखी गई

कोलंबो, एपी। श्रीलंका सरकार उन लोगों को फाइजर के टीके देने जा रही है, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की पहली खुराक ली थी। लम्बे इंतजार के बाद लोगों को टीका दिया जा रहा है। फाइजर के दोनों टीकों की प्रभावशीलता का अध्ययन अभी भी किया जा रहा है, लेकिन एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की गंभीर कमी के कारण श्रीलंका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसे मंजूरी दे दी। श्रीलंका में एस्ट्राजेनेका की खुराक समाप्त होने से पहले लगभग 3,84,000 लोगों को दोनों डोज लग चुकी थीं।

इस साल प्राप्त होने वाले 50 लाख टीकों के पहले बैच के रूप में श्रीलंका को 26,000 खुराकें मिलीं। श्रीलंका सरकार को इस महीने फाइजर की दो लाख खुराक मिलने की उम्मीद है। बुधवार को राजधानी कोलंबो में 55 वर्ष और उससे अधिक उम्र के निवासियों के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया। श्रीलंका अपने टीकाकरण अभियान में अभी तक भारत निर्मित एस्ट्राजेनेका, चीन की सायनोफार्म और रूसी स्पूतनिक वी टीकों का उपयोग कर रहा है। टीकों की कमी के कारण श्रीलंका सरकार ने फाइजर वैक्‍सीन का प्रयोग करने का निर्णय लिया।

फार्मास्युटिकल्स के उत्पादन, आपूर्ति और नियमन मंत्री चन्ना जयसुमना ने कहा कि फाइजर को दूसरी खुराक के रूप में प्राप्त करना वैकल्पिक था और इस महीने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की एक खेप आने की उम्मीद थी।

श्रीलंका में अप्रैल के बाद से कोरोना वायरस संक्रमण और मौतों में तेज से वृद्धि देखी गई थी। श्रीलंका में 3,268 मौतें के साथ 266,499 मामले दर्ज किए थे। ज्‍यादातर गरीब देश इस समय कोरोना वैक्‍सीन की कमी से जूझ रहे हैं। कोरोना वायरस का नया स्वरूप लोगों के लिए नई परेशानी खड़ी कर रहा है। ऐसे में कोरोना को मात देने के लिए टीकाकरण की रफ्तार भारत समेत कुछ देशों में तेज हो रही है, तो कुछ देशों में ये रफ्तार धीमी पड़ती नजर आ रही है।