'कभी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े', गयाना की संसद में बोले पीएम मोदी- आज ग्लोबल साउथ की आवाज बना भारत
PM Modi in Guyana प्रधानमंत्री मोदी ने गयाना की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि भारत हमेशा से संसाधन पर कब्जे की और संसाधन को हड़पने की भावना से दूर रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारत ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। उन्होंने कहा कि सुख-दुख दोनों में भारत और गयाना का रिश्ता आत्मीयता से भरा रहा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नाइजीरिया और ब्राजील की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गयाना पहुंच चुके हैं। यहां पर उन्होंने गुरुवार को गयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया। इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत और गयाना का रिश्ता बहुत गहरा है, ये मिट्टी का, पसीने का, परिश्रम का रिश्ता है। करीब 180 साल पहले एक भारतीय गयाना की धरती पर आया था और उसके बाद से सुख-दुख दोनों में भारत और गयाना का रिश्ता आत्मीयता से भरा रहा है।
पीएम ने गयाना की संसद में कहा, 'हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम संसाधन पर कब्जे की, संसाधन को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। आज भारत हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है, शांति के पक्ष में खड़ा है। इसी भावना के साथ आज भारत ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है।'
लोकतंत्र पहले, मानवता पहले का दिया मंत्र
पीएम मोदी ने कहा, 'आज विश्व के सामने आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है- लोकतंत्र पहले, मानवता पहले। लोकतंत्र पहले की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो, सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। मानवता पहले की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है। जब मानवता पहले को निर्णयों का आधार बनाते हैं तो नतीजे भी मानवता के हित करने वाले ही होते हैं।हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम RESOURCES पर कब्जे की, RESOURCES को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं।
— BJP (@BJP4India) November 21, 2024
आज भारत हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है, शांति के पक्ष में खड़ा है। इसी भावना के साथ आज भारत ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है।
- पीएम… pic.twitter.com/elMSx4NySX
पीएम ने गयाना की ओर से दिए गए सर्वोच्च सम्मान पर आभार जताते हुए कहा, 'गयाना ने मुझे कल ही सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। यहां के सभी नागरिकों को बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं यह सम्मान भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।'