Move to Jagran APP

बांग्लादेश के हिंदू मंदिर से चोरी हुआ मां जेशोरेश्वरी का मुकुट, पीएम मोदी ने उपहार में किया था भेंट

बांग्लादेश में सतखिरा के श्यामनगर स्थित जेशोरेश्वरी मंदिर से मां काली का मुकुट चोरी हो गया है। द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार यह मुकुट मार्च 2021 में मंदिर की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उपहार में दिया गया था। श्यामनगर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर तैजुल इस्लाम ने कहा कि हम चोर की पहचान करने के लिए मंदिर के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 11 Oct 2024 06:31 AM (IST)
Hero Image
बांग्लादेश में स्थित जेशोरेश्वरी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक

एएनआइ, ढाका। बांग्लादेश में पांच अगस्त को पीएम शेख हसीना को सत्ता से हटाए जाने के बाद जबर्दस्त अराजकता है। सतखीरा के श्यामनगर में जेशोरेश्वरी मंदिर से काली माता का मुकुट चोरी हो गया है। यह मुकुट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मार्च 2021 में अपनी यात्रा के दौरान भेंट किया था। पीएम मोदी ने मंदिर की अपनी यात्रा का एक वीडियो भी साझा किया था, जो कि कोरोना महामारी के बाद किसी भी देश की उनकी पहली यात्रा थी।

काली माता के सिर से मुकुट गायब मिला

द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, यह चोरी गुरुवार को दोपहर 2.00 बजे से 2.30 बजे के बीच हुई, जब मंदिर के पुजारी दिलीप मुखर्जी दिन की पूजा के बाद घर चले गए। बाद में सफाई कर्मचारियों ने पाया कि काली माता के सिर से मुकुट गायब था।

जेशोरेश्वरी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक

श्यामनगर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर तैजुल इस्लाम ने कहा कि हम चोर की पहचान करने के लिए मंदिर के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं। चांदी और सोने की परत से बना मुकुट सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, जेशोरेश्वरी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है।

जेशोरेश्वरी काली मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो देवी काली को समर्पित है, यह मंदिर ईश्वरीपुर में स्थित है - जो सतखिरा उपजिला के श्याम नगर में एक गांव है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में अनाड़ी नामक एक ब्राह्मण ने किया था।

राजा प्रतापदित्य ने 16वीं शताब्दी में मंदिर का पुनर्निर्माण किया

उन्होंने जशोरेश्वरी पीठ (मंदिर) के लिए 100 दरवाजों वाला मंदिर बनाया और बाद में 13वीं शताब्दी में लक्ष्मण सेन द्वारा इसका जीर्णोद्धार किया गया और आखिरकार, राजा प्रतापदित्य ने 16वीं शताब्दी में मंदिर का पुनर्निर्माण किया। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, 51 पीठों में से, ईश्वरीपुर का मंदिर वह स्थान है जहां देवी सती की हथेलियां और पैरों के तलवे गिरे थे और देवी वहां देवी जशोरेश्वरी के रूप में निवास करती हैं और भगवान शिव चंदा के रूप में प्रकट होते हैं।

जेशोरेश्वरी काली मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो देवी काली को समर्पित

जेशोरेश्वरी काली मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो देवी काली को समर्पित है, यह मंदिर ईश्वरीपुर में स्थित है - जो सतखिरा उपजिला के श्याम नगर में एक गांव है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में अनाड़ी नामक एक ब्राह्मण ने किया था।