PM Modi France Visit: लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित हुए पीएम मोदी, नेल्सन मंडेला को भी मिल चुका है ये पुरस्कार
Grand Cross of the Legion of Honour प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ्रांस के सबसे सर्वोच्च पुरस्कार ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी इस सम्मान को पाने वाले पहले भारतीय हैं। इस पुरस्कार का इतिहास फ्रांसीसी सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट से जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले कुछ ही विदेशियों को इस सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
नई दिल्ली, शालिनी कुमारी। Grand Cross of the Legion of Honour: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर फ्रांस के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरे पर पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस यानी बैस्टिल दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि भी शामिल होंगे।
लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित हुए पीएम मोदी
फ्रांस में पीएम मोदी का स्वागत काफी गर्मजोशी से किया गया है। पीएम मोदी के लिए राष्ट्रपति मैक्रों की ओर से रात्रिभोज का आयोजन किया गया था। इस दौरान राष्ट्रपति मैक्रों ने पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान से भी सम्मानित किया। दरअसल, यात्रा के पहले दिन का बड़ा आकर्षण वह ऐतिहासिक क्षण था जब फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने भारतीय नेता को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया।
ट्वीट के जरिए किया धन्यवाद
यह सैन्य और नागरिक सम्मान में फ्रांस का सर्वोच्च पुरस्कार है। गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी यह प्रतिष्ठित सम्मान पाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। इस सम्मान के लिए पीएम मोदी ने पूरे देश की ओर से राष्ट्रपति मैक्रों को धन्यवाद कहा।
It is with great humility that I accept the Grand Cross of the Legion of Honor. This is an honour for the 140 crore people of India. I thank President @EmmanuelMacron, the French Government and people for this gesture. It shows their deep affection towards India and resolve for… pic.twitter.com/Nw7V1JVgpb
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "यह बड़ी विनम्रता के साथ मैं लीजन ऑफ ऑनर के ग्रैंड क्रॉस को स्वीकार करता हूं। ये भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है। मैं राष्ट्रपति को धन्यवाद देता हूं @EmmanuelMacron इस भाव के लिए फ्रांसीसी सरकार और लोग। यह भारत के प्रति उनके गहरे स्नेह और हमारे देश के साथ मित्रता को आगे बढ़ाने के संकल्प को दर्शाता है।"
इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर इस सर्वोच्च पुरस्कार का इतिहास क्या है और इस पुरस्कार से अब तक कितने लोगों को सम्मानित किया गया है। साथ ही, यह बताएंगे कि पीएम मोदी को कितने देशों के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
क्या है लीजन ऑफ ऑनर सम्मान?
लीजन ऑफ ऑनर सर्वोच्च फ्रांसीसी सम्मान है और यह दुनिया के सबसे प्रसिद्ध सम्मानों में से एक है। लगभग पिछली दो शताब्दियों से हर एक क्षेत्र के सबसे योग्य नागरिक को देश के प्रमुख द्वारा सम्मानित किया जाता है। इस पुरस्कार को पांच श्रेणियों बांटा गया है, पहला ग्रैंड क्रॉस, दूसरा ग्रैंड ऑफिसर, तीसरा कमांडर, चौथा ऑफिसर और आखिरी नाइट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला सम्मान यानी ग्रैंड क्रॉस दिया गया है।
इस पुरस्कार में एक लाल रिबन और एक बैज है, जिस पर एक ओक और लॉरेल पुष्पांजलि पर लटका हुआ पांच-सशस्त्र माल्टीज़ तारांकन भी है। सामने की तरफ गणतंत्र का पुतला है और पीछे दो तिरंगे झंडे और ऑर्डर के आदर्श वाक्य "सम्मान और पितृभूमि" का शिलालेख है। साथ ही, इस पर 19 मई, 1802 तारिख फ्रेंच भाषा में लिखी गई है, जिस दिन इसका निर्माण किया गया था। आपको बता दें, इस पुरस्कार में कोई वित्तीय लाभ शामिल नहीं है।
क्या है लीजन ऑफ ऑनर का इतिहास?
लीजन ऑफ ऑनर की स्थापना 1802 में पूर्व फ्रांसीसी सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट द्वारा की गई थी। दरअसल, बोनापार्ट पुरस्कारों की एक ऐसी प्रणाली शुरू करना चाहते थे, जो नागरिकों के बीच समानता का सम्मान करे। लीजन ऑफ ऑनर की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, पुरस्कार के निर्माण के साथ, सम्राट ने "कोई विशेषाधिकार नहीं, कोई छूट नहीं, कोई पारिश्रमिक नहीं", बल्कि "केवल व्यक्तिगत योग्यता की मान्यता और प्रेषित नहीं" के साथ एक संस्कृति की शुरुआत की।
नेपोलियन के लिए सबसे पहले सम्मानित किए जाने वाले उनके सैनिक और उनके सेवक थे। उन्होंने युद्ध जनरलों के साथ-साथ नागरिक हस्तियों न्यायाधीशों, डॉक्टरों, उद्योगपतियों, वैज्ञानिकों, कलाकारों, वास्तुकारों, संगीतकारों और लेखकों को सम्मानित किया।
किन नागरिकों को दिया जाता है लीजन ऑफ ऑनर?
यह पुरस्कार देश का सबसे सम्मानित पुरस्कार है। यह एक फ्रांसीसी नागरिक को दिया जाता है, जिसका कभी कोई आपराधिक रिकॉर्ड न रहा हो और साथ ही उसने सैन्य या नागरिक क्षमता में राष्ट्र की सेवा में उत्कृष्ट योग्यता का प्रदर्शन किया है। लीजन ऑफ ऑनर के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए कम से कम बीस साल की कार्य गतिविधि का इतिहास होना जरूरी है। आम शब्दों में कहे, तो यह सम्मान उसको दिया जाता है, जिसने अपने क्षेत्र में कम से कम बीस साल की सेवा दी हो।
जो विदेशी नागरिक फ्रांस की सेवा करते हैं या उसके आदर्शों को कायम रखते हैं, उन्हें यह सम्मान दिया जाता है। हालांकि, विदेशियों को लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया जा सकता है, यदि उन्होंने फ्रांस को सेवाएं (जैसे सांस्कृतिक या आर्थिक) प्रदान की हो या फ्रांस द्वारा बचाव किए गए कारणों जैसे मानवाधिकार, प्रेस की स्वतंत्रता, या मानवीय कार्रवाई का समर्थन किया हो।
पुरस्कार मानदंड के मुताबिक, राजनयिक पारस्परिकता के अनुरूप और इस तरह फ्रांस की विदेश नीति का समर्थन करने के लिए, राजकीय यात्राएं आधिकारिक हस्तियों को लीजन ऑफ ऑनर प्रदान करने का भी एक अवसर है।
अब तक कितने लोगों को मिल चुका है लीजन ऑफ ऑनर?
हर साल लगभग 2200 फ्रांसीसी और 300 विदेशियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। अब तक इस सर्वोच्च पुरस्कार से 79,000 से अधिक लोगों को नवाजा जा चुका है। इस पुरस्कार के तीन संस्थापक सिद्धांत, जो लीजन ऑफ ऑनर की जीवन शक्ति की पहचान हैं वह, व्यक्तिगत योग्यता, सार्वभौमिक मान्यता और जनता की भलाई में योगदान को पुरस्कृत कर रहे हैं, जिससे समाज का लाभ हो, न कि केवल उनके विशेष हित का मामला हो।
सार्वभौमिक मान्यता का सिद्धांत, जो लोगों को उनके क्षेत्र की परवाह किए बिना पुरस्कृत करता है, चाहे वह सेना में हो, खेल में हो, गायक हो या स्वयंसेवक हो। ऐसा कहा जाता है कि इसने कई अन्य देशों की आधिकारिक सम्मान प्रणाली में क्रांति ला दी है।
अब तक किन विदेशियों को मिला है लीजन ऑफ ऑनर पुरस्कार?
आपको बता दें, यह पुरस्कार दुनिया भर में केवल कुछ ही नेताओं को मिला है। उनमें दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, किंग चार्ल्स, पूर्व जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बुट्रोस बुट्रोस-घाली और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल हैं। इसके बाद, प्रधानमंत्री को यह पुरस्कार दिया गया है और पीएम मोदी पहले भारतीय हैं, जिन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
पीएम मोदी को कई देशों से मिला सर्वोच्च सम्मान
पीएम को दुनिया भर के देशों से कई शीर्ष सम्मान मिल चुके हैं। हाल ही में, उन्हें जून 2023 में मिस्र द्वारा ऑर्डर ऑफ द नाइल, मई 2023 में पापुआ न्यू गिनी द्वारा कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू और मई में कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी द्वारा सम्मानित किया गया था।
पीएम मोदी को 2019 में मालदीव द्वारा ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन, 2019 में रूस द्वारा ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू, 2019 में यूएई द्वारा ऑर्डर ऑफ जायद अवॉर्ड, 2018 में ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन अवॉर्ड भी दिया गया है। इसके अलावा, 2016 में अफगानिस्तान द्वारा गाजी अमीर अमानुल्लाह खान का राज्य आदेश और 2016 में सउदी अरब द्वारा अब्दुल अजीज अल सऊद का आदेश दिया गया था।