ब्राजील के रियो डी जेनेरियो पहुंचे PM मोदी, G-20 सम्मेलन में जलवायु वार्ता पर होगी दुनिया की निगाहें
PM Modi in G-20 summit ब्राजील में भारतीय राजदूत सुरेश रेड्डी के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। ब्राजील में आज से होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन पर दुनिया की निगाहें हैं और इसमें ग्लोबल वार्मिंग पर कूटनीतिक तनाव केंद्रीय मुद्दा रहने की संभावना है। अजरबैजान के बाकू में जारी काप-29 में वार्ताकारों के बीच जलवायु वित्त (क्लाईमेट फाइनेंस) के मुद्दे पर गतिरोध की स्थिति है।
एजेंसी, रियो डि जेनेरियो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी-20 नेताओं के 19वें शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील के रियो डी जेनेरियो पहुंच गए हैं। ब्राजील में भारतीय राजदूत सुरेश रेड्डी के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।
ब्राजील में आज से होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन पर दुनिया की निगाहें हैं और इसमें ग्लोबल वार्मिंग पर कूटनीतिक तनाव केंद्रीय मुद्दा रहने की संभावना है। अजरबैजान के बाकू में जारी काप-29 में वार्ताकारों के बीच जलवायु वित्त (क्लाईमेट फाइनेंस) के मुद्दे पर गतिरोध की स्थिति है और वे उम्मीद कर रहे हैं कि विश्व की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेता इस गतिरोध खत्म कर सकते हैं।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi lands in Rio de Janeiro, Brazil.
— ANI (@ANI) November 18, 2024
During the second leg of his three-nation tour, PM Modi will attend the 19th G20 Leaders’ Summit in Brazil, scheduled on November 18 and November 19.
(Video source - ANI/DD News) pic.twitter.com/5it1R8cpXP
पीएम मोदी बोले- मैं सम्मेलन में भाग लेने को उत्सुक
एक्स पर एक पोस्ट में, पीएम मोदी ने विश्व नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन में विचार-विमर्श और उपयोगी बातचीत में शामिल होने की अपनी प्रत्याशा व्यक्त की। पीएम मोदी ने कहा, "जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में उतरा हूं। मैं शिखर सम्मेलन में विचार-विमर्श और विभिन्न विश्व नेताओं के साथ उपयोगी बातचीत के लिए उत्सुक हूं।"G-20 समिट में कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
जी-20 शिखर सम्मेलन में दो दिन गरीबी व भुखमरी से लेकर वैश्विक संस्थानों में सुधार तक के मुद्दों से निपटने पर विचार-विमर्श होगा। हालांकि, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सैकड़ों अरब डालर जुटाने के लक्ष्य पर सहमति बनाने का काम काप-29 को सौंपा गया है, लेकिन इस धन को जारी करना जी-20 के नेताओं के हाथ में है। जी-20 देशों का वैश्विक अर्थव्यवस्था में 85 प्रतिशत योगदान है और जलवायु वित्त पोषण में सहायता करने करने वाले बहुपक्षीय विकास बैंकों के वे सबसे बड़े योगदानकर्ता हैं। वे दुनियाभर में 75 प्रतिशत से अधिक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए भी जिम्मेदार हैं।
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