पीएम मोदी की पुतिन के लिए की गई टिप्पणी 'आज का युग युद्ध का नहीं है' जी-20 के मसौदे में शामिल
पीएम मोदी का रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए की गई टिप्पणी यह युग युद्ध का नहीं है को जी-20 के मसौदे में शामिल किया गया है। मोदी ने यह बयान एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान समरकंद में दिया था।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 15 Nov 2022 05:41 PM (IST)
बाली, एएनआई। एससीओ शिखर सम्मेलन (SCO Summit) के मौके पर 16 सितंबर को समरकंद में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की टिप्पणी 'आज का युग युद्ध का नहीं है' को जी-20 (G20) के मसौदे में शामिल किया गया है। बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया के नेता पीएम मोदी के बयान को दोहराएंगे कि आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए। इस दौरान परमाणु हथियारों के उपयोग के खतरों की भी निंदा की जाएगी।
वार्ता की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों के अनुसार, रूसी आक्रमण की आलोचना करने वाले शब्दों पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सदस्य देशों के बीच आम सहमति हासिल करने में बड़ी भूमिका निभाई।
यूक्रेन में युद्ध की कड़ी निंदा
ड्राफ्ट स्टेटमेंट में कहा गया है, 'अधिकांश सदस्यों ने यूक्रेन में युद्ध की कड़ी निंदा की और जोर देकर कहा कि यह भारी मानवीय पीड़ा पैदा कर रहा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मौजूदा कमजोरियों को बढ़ा रहा है।' मसौदा बयान में कहा गया है, 'परमाणु हथियारों के इस्तेमाल या इस्तेमाल की धमकी अस्वीकार्य है। संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान, संकटों को दूर करने के प्रयास, कूटनीत और संवाद महत्वपूर्ण हैं। आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए।'ये भी पढ़ें: PM Modi: "यह युद्ध का युग नहीं है" अमेरिका के बाद अब जर्मनी ने PM मोदी के इस बयान की तारीफ की
'रूस का युद्ध हर जगह कहर बरपा रहा है'
सभी देशों के प्रतिनिधियों ने सोमवार की रात को विज्ञप्ति पर सहमति व्यक्त की थी, लेकिन मंगलवार की सुबह शुरू हुए दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में जी20 नेताओं द्वारा अभी हस्ताक्षर किए जाने बाकी हैं। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि G20 'यह स्पष्ट करेगा कि रूस का युद्ध हर जगह लोगों के लिए कहर बरपा रहा है।'मसौदा विज्ञप्ति में कहा गया है कि यूक्रेन में युद्ध 'विकास में बाधा, मुद्रास्फीति में वृद्धि, आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करना, ऊर्जा और खाद्य असुरक्षा को बढ़ाना, और वित्तीय स्थिरता जोखिम को बढ़ाना' है।