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पीएम मोदी की ब्रुनेई यात्रा पर सुल्‍तान संग किन मुद्दों पर बनी बात? चीन को दिया कड़ा संदेश; कहा- विकास के साथ है भारत

ब्रुनेई यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने साउथ चीन सी की स्थिति पर विस्तारवाद का विरोध किया। भारत और ब्रुनेई के बीच एलएनजी और रिन्यूएबल एनर्जी पर सहमति बनी। मोदी ने ब्रुनेई को एक महत्वपूर्ण एलएनजी आपूर्तिकर्ता बताया और दोनों देशों के रक्षा सहयोग पर चर्चा की। यात्रा को सफल बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत-ब्रुनेई संबंधों के नए युग की शुरुआत है।

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Wed, 04 Sep 2024 07:43 PM (IST)
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ब्रुनेई के सुल्‍तान हसनल बोल्किया के साथ पीएम मोदी। फोटो ANI
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ब्रुनेई की यात्रा पर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थित साउथ चीन सी की मौजूदा स्थिति पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोल्किया के साथ द्विपक्षीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि भारत विस्तारवाद का समर्थन नहीं करता, भारत विकास के साथ है। भारत और ब्रुनेई ने इस समूचे क्षेत्र में नौकाओं के आने-जाने की पूरी स्वतंत्रता दिए जाने की बात भी कही है।

बता दें कि साउथ चीन सी के आस-पास स्थित अन्य दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की तरह चीन के साथ ब्रुनेई का भी विवाद चल रहा है। चीन का ऐसा विवाद फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनिया और ताइवान के साथ भी है।

भारतीय पीएम ने हाल के हफ्तों में हिंद प्रशाांत क्षेत्र में चीन की विस्तारवादी नीतियों को लेकर मलेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम और वियतनाम के पीएम फाम मिन चिन्ह के साथ विमर्श किया है।

साउथ चीन सी को लेकर कई देशों से बीजिंग का विवाद

मोदी ने साउथ चीन सी के मामले की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हम आजाद नौवहन का समर्थन करते हैं और इस बारे में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनक्लोज के अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत नौवहन व उड़ानों की आजादी का समर्थन करते हैं।

सनद रहे कि यूएनक्लोज ने फिलीपींस व चीन के बीच एक विवाद में वर्ष 2016 में फिलीपींस के दावे का समर्थन किया था। यह दावा एक समुद्री क्षेत्र व इसमें स्थित द्वीपों को लेकर था। चीन ने इसे स्वीकार नहीं किया है।

यूएनक्लोज के इस फैसले के बाद से ही हिंद प्रशांत क्षेत्र वैश्विक कूटनीति के केंद्र में आया है। मोदी 03 सितंबर को ब्रुनेई पहुंचे थे और वहां से 04 सितंबर दोपहर में सिंगापुर गए हैं। सिंगापुर में सरकारी स्तर पर भारत के साथ गुरुवार को वार्ता होगी।

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ब्रुनेई संग इस मुद्दे पर बनी सहमति 

ब्रुनेई में पीएम मोदी और सुल्तान बोकियाह के बीच हुई वार्ता में एलएनजी और रिनीवेबल इनर्जी को लेकर खास तौर पर सहमति बनी है। ब्रुनेई अभी भारत को कच्चे तेल का निर्यात करता है। अब दोनों देश दूसरे ऊर्जा क्षेत्र में भी अपने संबंधों को बढ़ाना चाहते हैं।

पीएम मोदी ने स्वयं बताया कि दोनों देश एलएनजी (द्रवीकृत प्राकृतिक गैस) में लंबे समय के समझौतों पर बात कर रहे हैं। भारत अपनी अपनी इकोनॉमी में गैस की मौजूदा हिस्सेदारी 7 फीसद से बढाकर 15 फीसद करने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए उसे बाहर से काफी सारा एलएनजी मंगवाना पड़ेगा।

ब्रुनेई एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश के तौर पर उभर सकता है। दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर बातचीत शुरू की जाएगी।

यात्रा समाप्ति के बाद मोदी ने एक्स पर लिखा कि ब्रुनेई की यात्रा बहुत ही उत्पादक रही। इससे भारत-ब्रुनेई के संबंधों के न युग की शुरुआत हो गई है। हमारी दोस्ती विश्व को और बेहतर बनाएगी।

सिंगापुर पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने वहां भारत-सिंगापुर के बीच होने वाली कई वार्ताओं के बारे में बताया है और भारत को सिंगापुर की कंपनियों के समक्ष निवेश के एक बड़े आकर्षक स्थल के तौर पर पेश किया है। उन्होंने कहा है कि अपने सुधारों और युवा शक्ति के भरोसे भारत आज निवेश का एक आदर्श स्थल है।

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