Pakistan US Controversy: पीएम शहबाज के चीनी दौरे के क्या है मायने, क्या US और चीन दोनों को साधने में जुटा पाक
शहबाज शरीफ नवंबर में चीन का दौरा करेंगे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर शरीफ रूस जाने की भी तैयारी में हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का चीन और रूस जाने की तैयारी ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका पाकिस्तान के निकट आने की कोशिश में जुटा है।
By Jagran NewsEdited By: Ramesh MishraUpdated: Mon, 03 Oct 2022 08:21 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नवंबर में चीन का दौरा करेंगे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर शरीफ रूस जाने की भी तैयारी में हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का चीन और रूस जाने की तैयारी ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका, पाकिस्तान के निकट आने की कोशिश में जुटा है। हाल में अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान के प्रति उदारता दिखाते हुए एफ-16 के लिए सहायता पैकेज जारी किया था। इसके साथ बाढ़ग्रस्त पाकिस्तान को मदद की है। शहबाज के चीन जाने का ऐलान ऐसे वक्त हुआ है, जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख अमेरिका के दौरे पर हैं। ऐसे में शहबाज की चीन और रूस की इस यात्रा के क्या मायने हैं। क्या पाकिस्तान, चीन-रूस और अमेरिका को एक साथ साध रहा है।
1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि हाल में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में चीन और पाकिस्तान के दोस्ती की कमेस्ट्री भी दिखी। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि चिनफिंग और शरीफ के बीच वार्ता के दौरान चीनी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को सदाबहार रणनीति मित्र बताया। इस दौरान दोनों देशों ने 60 अरब डालर की चीन और पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना को मजबूती से आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
2- एफ-16 युद्धक विमान के अमेरिकी सहयोग पर प्रो पंत ने कहा कि यह एक सौदे के तहत किया गया है। अमेरिकी सेना द्वारा अल-कायदा प्रमुख अल जवाहिरी की हत्या में पाकिस्तान की मदद के बाद अमेरिका ने पाक को यह मदद दी। उन्होंने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान की दोस्ती में चीन और रूस बहुत बड़े रोड़ा हैं। अमेरिका पाकिस्तान पर भरोसा नहीं कर सकता है। अमेरिका, पाकिस्तान के साथ सौदे के आधार पर संबंध कायम रखता है।
3- पाकिस्तान की सेना में बड़ी तादाद में अमेरिका के हथियार मौजूद हैं। ऐसे में सामरिक लिहाज से पाक के लिए अमेरिका भी काफी अहम हैं। यही कारण है कि जब पाकिस्तान के पीएम शहबाज चीन और रूस जाने की तैयारी में हैं उस समय पाकिस्तान के सेना प्रमुख अमेरिका की यात्रा पर गए हैं। इस तरह पाकिस्तान एक तरफ चीन और रूस को साधने में जुटा है, दूसरी तरफ अमेरिका के साथ भी अपने संबंधों को सामान्य करने में जुटा है।
4- पाकिस्तान के चीन के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जबकि वह रूस के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी इस साल मास्को का दौरा किया था, लेकिन उनकी यात्रा को कोई तवज्जो नहीं मिली, क्योंकि उसी समय रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था।