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इजरायल से भारत आना हुआ और भी आसान, बेंजामिन नेतन्याहू बोले- सुदूर पूर्व अब दूर नहीं; जानें पूरा मामला

इजरायल से भारत आना अब और भी आसान हो गया है। ओमान के द्वारा अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने के निर्णय के बाद भारत आने में दो से चार घंटे की बचत होगी। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि सुदूर पूर्व अब दूर नहीं है।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Fri, 24 Feb 2023 08:17 AM (IST)
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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ओमानी प्राधिकरण के फैसले का किया स्वागत
जेरूसलम, एजेंसी। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को विमानन उद्योग के लिए 'महान दिन' बताते हुए ओमान के ऊपर उड़ान भरने के लिए इजरायली वाहकों के प्राधिकरण का स्वागत किया, क्योंकि यह देश को सीधे भारत से जोड़ेगा और एशिया और यूरोप के बीच इजरायल को मुख्य पारगमन बिंदु के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।

''सुदूर पूर्व बहुत दूर नहीं है''

ओमानी प्राधिकरण प्राप्त करने के बाद एक बयान में नेतन्याहू ने कहा, "सुदूर पूर्व बहुत दूर नहीं है और आसमान अब सीमा नहीं है।'' उन्होंने कहा कि यह इजरायली विमानन के लिए एक अच्छी खबर का दिन है। इजरायल, एशिया और यूरोप के बीच मुख्य पारगमन बिंदु बन गया है।''

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इजरायल के प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी 2018 की ओमान यात्रा के बाद से इजरायल के वाहकों को अपने हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने की अनुमति प्राप्त करने के लिए काम किया, ताकि वे सीधे भारत और फिर ऑस्ट्रेलिया जा सकें। बता दें, ओमान और इजरायल के बीच राजनयिक संबंध नहीं हैं।

महंगा ईंधन होता था बर्बाद

स्थानीय मीडिया ने बताया कि अब तक पूर्वी एशिया, भारत और थाईलैंड के लिए इजरायली एयरलाइंस की उड़ानें अरब प्रायद्वीप से बचने के लिए दक्षिण की उड़ान भरने के लिए मजबूर थीं। यह एक ऐसा मार्ग था, जिसमें ढाई घंटे का समय लगता था और महंगा ईंधन बर्बाद होता था।

दो से चार घंटे तक की होगी बचत

ओमानी घोषणा के साथ, अब भारत और थाईलैंड जैसे लोकप्रिय गंतव्यों के लिए इजरायल की उड़ानें दो से चार घंटे कम समय लेंगी। टिकट की कीमतें भी कम होने की उम्मीद है, क्योंकि एयरलाइंस ईंधन पर पैसे बचाएंगी। एयर इंडिया सऊदी और ओमानी हवाई क्षेत्र का उपयोग करते हुए सीधे तेल अवीव से दिल्ली के लिए उड़ान भरती रही है, जिससे समय की बचत होती है और उड़ानें अधिक किफायती हो जाती हैं। 

पिछले साल सऊदी अरब ने इजरायली एयरलाइनों को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति दी थी, लेकिन क्योंकि ओमानी हवाई क्षेत्र बंद था, इसलिए इजरायली वाहक एशिया के लिए उड़ान भरने के लिए मार्ग का उपयोग नहीं कर सके। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के पिछले साल क्षेत्र का दौरा करने के बाद सऊदी अरब का यह फैसला आया था।

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