प्रधानमंत्री बनने के बाद पुष्प कमल प्रचंड को चौथी बार हासिल करना होगा विश्वासमत, इसलिए बढ़ा नेपाली सरकार का संकट
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड सोमवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वासमत साबित करेंगे। जनता समाजवादी पार्टी ने पिछले सप्ताह अपना समर्थन वापस ले लिया था। इसी कारण 25 दिसंबर 2022 को सत्ता संभालने वाले प्रचंड को 18 महीने के भीतर चौथी बार विश्वासमत हासिल करना पड़ रहा है। समर्थन दे रही जनता समाजवादी पार्टी विभाजित हो गई है।
पीटीआई, काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड सोमवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वासमत साबित करेंगे। जनता समाजवादी पार्टी ने पिछले सप्ताह अपना समर्थन वापस ले लिया था। इसी कारण 25 दिसंबर, 2022 को सत्ता संभालने वाले प्रचंड को 18 महीने के भीतर चौथी बार विश्वासमत हासिल करना पड़ रहा है।
समर्थन दे रही जनता समाजवादी पार्टी विभाजित हो गई है। नेपाल के संविधान के अनुसार, प्रधानमंत्री जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं उसके विभाजित या गठबंधन के किसी सदस्य के समर्थन वापस लेने की स्थिति में प्रधानमंत्री के लिए 30 दिन के भीतर विश्वासमत साबित करना अनिवार्य है। एक के बाद एक विश्वासमत में प्रचंड का समर्थन कम होता गया है।
प्रचंड को 138 सदस्यों के समर्थन की होगी जरूरत
जनवरी 2023 में उन्हें 268 सदस्यों का समर्थन मिला था, लेकिन उसी वर्ष मार्च में यह संख्या घटकर 172 रह गई। तीसरे विश्वासमत में यह संख्या और कम होकर 157 हो गई। 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में प्रधानमंत्री को कम से कम 138 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी।सीपीएन-एकीकृत समाजवादी के 10 सांसद
वर्तमान में सत्ताधारी गठबंधन में शामिल सीपीएन-यूएमएल के 77, माओवादी सेंटर के 32, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 21, नव गठित जनता समाजवादी पार्टी के सात और सीपीएन-एकीकृत समाजवादी के 10 सांसद हैं।
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