पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' तीसरी बार बने नेपाल के प्रधानमंत्री, ओली के नेतृत्व वाले CPN-UML ने दिया समर्थन
पुष्प कमल दहल प्रचंड तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले विपक्षी सीपीएन-यूएमएल सीपीएन-माओवादी सेंटर राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) और अन्य छोटे दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक में प्रचंड के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति बनी।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 25 Dec 2022 07:13 PM (IST)
काठमांडू, पीटीआइ। नेपाल में रविवार को घटनाओं के एक नाटकीय मोड़ में विपक्षी सीपीएन-यूएमएल और अन्य छोटे दलों ने सीपीएन-माओवादी सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) को अपना समर्थन दिया है, जो तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं। पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले विपक्षी सीपीएन-यूएमएल, सीपीएन-माओवादी सेंटर, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) और अन्य छोटे दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक में 'प्रचंड' के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति बनी।
165 सांसदों ने दिया प्रचंड को समर्थन
सीपीएन-एमसी देब के महासचिव गुरुंग ने कहा कि सीपीएन-यूएमएल, सीपीएन-एमसी और अन्य पार्टियां संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के तहत 165 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति कार्यालय 'शीतलनिवास' में प्रचंड को प्रधानमंत्री बनाने का दावा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को सौंपने के लिए एक समझौता पत्र तैयार किया जा रहा है।
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रोटेशन के आधार पर प्रचंड और ओली बनेंगे प्रधानमंत्री
बैठक में ओली के आवास बालकोट में ओली, प्रचंड, आरएसपी अध्यक्ष रवि लामिछाने, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के प्रमुख राजेंद्र लिंगडेन, जनता समन्वयवादी पार्टी के अध्यक्ष अशोक राय सहित अन्य लोगों ने भाग लिया। रोटेशन के आधार पर सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रचंड और ओली के बीच समझौता हुआ। ओली अपनी मांग के अनुसार, प्रचंड को पहले प्रधानमंत्री बनाने पर सहमत हुए।
प्रचंड को इन पार्टियों का मिला समर्थन
नए गठबंधन को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 सांसदों का समर्थन प्राप्त है, जिसमें सीपीएन-यूएमएल को 78, सीपीएन-एमसी को 32, आरएसपी को 20, आरपीपी को 14, जेएसपी को 12, जनमत को 6 और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी को 3 वोट मिले हैं।नेपाली कांग्रेस सरकार बनाने में रही विफल
सीपीएन-यूएमएल के महासचिव शंकर पोखरेल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सबसे बड़ी पार्टी के रूप में नेपाली कांग्रेस राष्ट्रपति की समय सीमा के भीतर संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के अनुसार अपने नेतृत्व में सरकार बनाने में विफल रही। अब सीपीएन-यूएमएल ने 165 सांसदों के समर्थन से प्रचंड के नेतृत्व में नई सरकार बनाने की पहल की है।