इंडियन सीफूड के निर्यातकों के लिए अच्छी खबर, कतर ने भारत के फ्रोजेन सीफूड से हटाया प्रतिबंध
कतर ने भारत से फ्रोजन सीफूड के आयात पर अस्थायी प्रतिबंध हटा दिया है। इस फैसले से भारत से सीफूड का निर्यात बढ़ने के साथ ही कतर के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है। अधिकारियों ने 17 फरवरी को इसकी जानकारी दी है।
नई दिल्ली, एजेंसी। कतर ने भारत से फ्रोजन सीफूड के आयात पर अस्थायी प्रतिबंध हटा दिया है। इस फैसले से भारत से सीफूड का निर्यात बढ़ने के साथ ही कतर के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है। अधिकारियों ने 17 फरवरी को इसकी जानकारी दी है।
फीफा विश्व कप से पहले लगा था बैन
भारतीय फ्रोजन सीफूड पर कतर ने पिछले साल नवंबर में प्रतिबंध लगाया था। उसी दौरान फीफा विश्व कप (FIFA World Cup) का आयोजन किया जाना था। लेकिन उससे पहले ही भारत से कतर पहुंचे फ्रोजन सीफूड के कई खेपों में विब्रियो हैजा ( Vibrio cholera) के विषाणु पाए गए थे, जिसके बाद कतर अधिकारियों ने भारत के सीफूड पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। बता दें कि कतर ने ये प्रतिबंध अस्थायी रूप से लगाया था।
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भारत सरकार के वाणिज्य विभाग ने इस मामले को उठाया
फीफा के खत्म होने के बाद कतर में भारत के दूतावास के साथ भारत सरकार के वाणिज्य विभाग ने इस मुद्दे को हल करने के लिए लगातार प्रयास किया था। कतर के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय से 16 फरवरी को एक अधिसूचना जारी की गई, जिसमें बताया गया कि फ्रोजन सीफूड पर प्रतिबंध हटा दिया गया है। हालांकि, चिल्ड सीफूड के निर्यात पर अभी भी प्रतिबंध जारी है।
चीन ने भी हटाया प्रतिबंध
मरीन प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी एमपीईडीए के अध्यक्ष डी.वी. स्वामी ने कहा कि यह सप्ताह भारतीय सीफूड एक्सपोर्ट के लिए काफी अच्छा साबित रहा है। कतर से पहले चीन ने भी सीफूड पर सस्पेंशन वापस ले लिया था। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा, 'जल्द ही कतर भारत के चिल्ड सीफूड पर भी लगे निर्यात प्रतिबंध को हटा लेगा।
बता दें कि, 14 फरवरी को बीजिंग ने 99 भारतीय समुद्री खाद्य-प्रसंस्करण निर्यातकों (Indian seafood-processing exporters) के निलंबन को हटा दिया। MPEDA ने अन्य एजेंसियों के साथ दिसंबर 2020 से कुल 110 यूनिट के बीजिंग के निलंबन को हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एमपीईडीए के अध्यक्ष डीवी स्वामी ने कहा, उम्मीद है कि अगले वित्तीय वर्ष में भारत के समुद्री उत्पादों का निर्यात 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।