पंडोरा पेपर्स मामले में मचा कोहराम, कटघरे में इमरान, पुतिन व अन्य दिग्गज, जानें क्या है पूरा मामला
पंडोरा पेपर्स लीक मामला इन दिनों सुर्खियों में है। दुनिया के कई देशों के राजनेता और अरबपतियों के नाम इसमें सामने आ रहे हैं। इस लीक कांड को कैसे अंजाम दिया गया। इसके अलावा यह भी जानेंगे कि दुनिया में कितने नेताओं के नाम इस लीक कांड में आया है।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Tue, 05 Oct 2021 02:17 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Pandora Papers Leak List: पंडोरा पेपर्स लीक मामला इन दिनों सुर्खियों में है। दुनिया के कई देशों के राजनेता और अरबपतियों के नाम इसमें सामने आ रहे हैं। दरअसल, फिनसेन फाइल्स, पैराडाइज पेपर्स, पनामा पेपर्स और लक्सलीक्स के बाद पिछले सात सालों में लीक हुए दस्तावेजों की फेहरिस्त में पंडोरा पेपर्स लीक एक नई कड़ी है। इसमें 1.2 करोड़ दस्तावेज लीक हुए हैं। इसमें भारत समेत दुनिया के 91 देशों के कई बड़े राजनेता और हस्तियों के वित्तीय राज उजागर हुए हैं। इंटरनेशनल कंसोर्टियम आफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स ने (आइसीआइजे) ने अपनी एक साल की खोजी पत्रकारिता और दस्तावेजों की जांच-पड़ताल के बाद दुनिया भर के दिग्गज हस्तियों के गुप्त कारोबार के बारे में सनसनीखेज खुलासे किए हैं। आइए जानते हैं कि इस लीक कांड को कैसे अंजाम दिया गया। कितने संस्थानों एवं खोजी पत्रकारों ने इसे अंजाम दिया। इसके अलावा यह भी जानेंगे कि दुनिया में कितने नेताओं के नाम इस लीक कांड में आया है।
मीडिया संस्थानों के साथ 650 पत्रकारों ने लिया हिस्सा आइसीआइजे की तरफ से की गई यह सबसे बड़ी पड़ताल है। इसमें दुनियाभर के 650 खोजी पत्रकारों ने हिस्सा लिया है। बीबीसी पैनोरामा ने ब्रिटेन के अखबार द गार्डियन और अन्य मीडिया संस्थानों के साथ मिलकर 1.2 दस्तावेजों को एक्सेस किया है। यह दस्तोवज ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, पनामा, बेलीज, साइप्रस, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड जैसे देशों के 14 फाइनेंशियल सर्विस कंपनी से लीक हुए हैं। गौरतलब है कि जिन लोगों के नाम इसमें सामने आए हैं उनमें से बहुत से लोग पहले से मनी लांड्रिंग और टैक्स घोटाले में आरोपी हैं। इसमें इस बात का भी खुलासा किया गया है कि कैसे धनी और प्रभावशाली लोग कानूनी तौर पर कंपनियां बना कर ब्रिटेन और विदेशों में संपत्तियां खरीद रहे हैं।
1- पाकिस्तान के PM इमरान के करीबीयों का नाम शामिल इस लीक मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी मंत्री और उनके परिवार के लोगों के नाम शामिल हैं। इस लीक में बताया गया है कि इन लोगों ने गुप्त रूप से आफशोर कंपनियां खरीदी हैं। इसको लेकर पाकिस्तान में सियासत तेज हो गई है। विपक्ष ने इमरान को घेरने की कोशिश की जा रही है।
2- पुतिन व चेक गणराज्य के पीएम आंद्र तक पहुंची आंच पंडोरा पेपर्स लीक मामले में रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन के मोनाको में स्थित संपत्ति से लिंक की बात सामने आई है। लीक मामले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष पुतिन का नाम आने से रूस की सियासत गरम हो सकती है। हालांकि, लीक कांड से पहले रूस में आम चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इसलिए इसका बहुत ज्यादा असर पुतिन पर नहीं पड़ेगा। उधर, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्र बबीस पर दक्षिण फ्रांस में कंपनी के जरिए दो विला खरीदने की जानकारी सामने आई है। खास बात यह है कि चेक में इस सप्ताह चुनाव होने हैं। ऐसे में लीक मामला वहां की सियासत को गरमा सकता है।
3- पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी लीक कांड में फंसे इस लिक कांड में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर और शेरी ब्लेयर पर संपत्ति छिपाने के आरोप है। दस्तावेजों से पता चलता है कि ब्लेयर दंपती ने 645 मिलियन पाउंड की संपत्ति की खरीदारी पर स्टैंप ड्यूटी नहीं दिया। लेबर पार्टी के पूर्व नेता टोनी उनकी बैरिस्टर पत्नी शेरी ब्लेयर ने वर्ष 2017 सेंट्रल लंदन में संपत्ति खरीदी।
4- अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम एलीयेव इस लीक कांड में अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम एलीयेव और उनके परिवार का नाम सामने आया है। उन पर देश को लूटने का आरोप है। इस लीक कांड में यह बात सामने आई है कि राष्ट्रपति और उनके रिश्तेदारों ने गोपनीय ढंग से ब्रिटेन में 40 करोड़ की संपत्ति खरीदी है। इस जानकारी के बाद ब्रिटन सरकार की मुश्किले बढ़ी हैं। इन दस्तावेजों में ऐसे कई लेन-देन हैं, जहां कानूनी रूप से गड़बड़ी हुई है।
5- जार्डन के शाह भी फंसे जार्डन के शाह अब्दुल्लाह द्वितीय बिन अल हुसैन का नाम भी इस लीक कांड में शामिल है। जार्डन के शाह ने ब्रिटेन और अमेरिका में गुप्त रूप से सात करोड़ पाउंड से अधिक कीमत की संपत्ति अपने नाम बनाई है। शाह ने वर्ष 1999 में कंपनियों के जरिए 15 घर खरीदे हैं। इसमें मैलबू, कैलिफोर्निया, लंदन और एक्साट में विशालकाय मकान शामिल है। हालांकि, शाह के वकील का कहना है कि सभी अचल संपत्ति उनके व्यक्तिगत पैसों से खरीदी गई है।
6- यूक्रेन और इक्वाडोर के राष्ट्रपति भी फंसे यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने 2019 का चुनाव जीतने से ठीक पहले एक कंपनी के जरिए अपनी हिस्सेदारी ट्रांसफर की थी। इक्वाडोर के राष्ट्रपति गुइलेर्मो लासो, जो एक बैंकर भी रह चुके हैं, उनके परिवार के सदस्य की अमेरिका स्थित एक ट्रस्ट को पनामियन फाउंडेशन से हर महीने पेमेंट की जाती थी।