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अमेरिका की GDP से 8 गुना ज्यादा दौलत है इनके पास, जानें कौन हैं ये

क्रेडिट सुइस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के इन चोटी के 1 फीसद लोगों के पास कुल 106 ट्रिलियन पाउंड संपत्ति है। इन फीसद लोगों के पास अमेरिका की जीडीपी से 8 गुना ज्यादा दौलत है।

By Digpal SinghEdited By: Updated: Tue, 05 Dec 2017 12:27 PM (IST)
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अमेरिका की GDP से 8 गुना ज्यादा दौलत है इनके पास, जानें कौन हैं ये

नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। बिल गेट्स, वारेन बफे, जेफ बेजोस, जैक मा, मुकेश अंबानी, मार्क जुकरबर्ग, लैरी पेज। आप सोच रहे होंगे हम दुनिया के इन धनाढ्य लोगों के नाम क्यों गिना रहे हैं। यह इसलिए क्योंकि दुनिया की आधी दौलत ऐसे ही कुछ नामों के पास रखी हुई है। रिपोर्ट यह है कि दुनिया की आधी दौलत सिर्फ 1 फीसद अमीरों के पास है। यह आंकड़ा और भी चौंकाने वाला तब हो जाता जब पता चलता है कि इस धरती की करीब 88 फीसद दौलत पर सिर्फ 10 फीसद लोगों का कब्जा है। जबकि बाकी की 90 फीसद जनसंख्या करीब 12 फीसद दौलत पर गुजारा करती है।

मंदी ने बढ़ायी अमीरों की दौलत

संपत्ति की वैश्विक असमानता का खुलासा करती एक रिपोर्ट सामने आयी है। इसी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कैसे सुपर-रिच को साल 2008 की वैश्विक मंदी का फायदा पहुंचा। रिपोर्ट बताती है कि मंदी से पहले जहां सुपर रिच की संपत्ति 42.5 फीसद थी, वहीं मंदी के बाद अब यह 50.1 फीसद हो चुकी है।

अमेरिका की GDP से आठ गुना ज्यादा दौलत

क्रेडिट सुइस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के इन चोटी के 1 फीसद लोगों के पास कुल 106 ट्रिलियन पाउंड संपत्ति है। इन एक फीसद लोगों के पास अमेरिका की जीडीपी से 8 गुना ज्यादा दौलत है। अमीरों और गरीबों के बीच की बढ़ती खाई ने लखपतियों और अल्ट्रा रिच की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी की। साल 2000 के बाद विश्व में लखपतियों की संख्या 170 फीसद बढ़कर 36 मिलियन हो गई। इसी दौरान अल्ट्रा रिच लोगों की संख्या भी पांच गुना बढ़ी। 

साढ़े तीन अरब लोगों के पास तीन फीसद संपत्ति

इस रिपोर्ट का एक स्याह पहलू यह भी है कि दुनिया की जनसंख्या में करीब साढ़े तीन अरब जनसंख्या बेहद गरीबी में जी रही है। इस जनसंख्या के पास दुनिया की कुल संपत्ति का सिर्फ 2.7 फीसद ही दौलत है। और चिंताजनक बात यह है कि इस यह जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसका असर इसकी औसत संपत्ति के घटने के रूप में सामने आ रहा है। 

क्यों बढ़ रही है यह खाई

अमीरों और गरीबों के बीच की खाई का बढ़ना कोई नई बात नहीं है। इसके पीछे तमाम सही बातों के पीछ टैक्स चोरी भी एक कारण है। अमीरों से लिए जाने वाले टैक्स से जहां उनकी संपत्ति की बढ़ने की रफ्तार पर एक छोटा सा ब्रेक लगता है, वहीं सरकारों को गरीबों के लिए योजनाएं बनाने में मदद भी मिलती है। इससे गरीबों को भी अपने जीवन स्तर को सुधारने में मदद मिलती है। हाल में जारी हुए पैराडाइज टेक्स पेपर और करीब डेढ़ साल पहले पनामा पेपर लीक्स में भी इस तरह की टैक्स चोरी का खुलासा हो चुका है।