Ukraine War: यूक्रेन जंग के बीच रूस की विनाशकारी Sarmat Missile सुर्खियों में, जानें क्या हैं इसकी खूबियां
Ukraine War NATO और रूस के मध्य तनाव के बीच रूस में सरमत मिसाइलों की चर्चा तेज है। क्या पुतिन सच में रूस परमाणु युद्ध की तैयारी कर रहें हैं। क्या है सरमत मिसाइल। इस इंटरकान्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की क्षमता क्या है।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Fri, 07 Oct 2022 06:15 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Russia Nuclear Attack Threat NATO: रूस-यूक्रेन जंग अब एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। यूक्रेन को लेकर रूस और नाटो के बीच तनाव और गहराता जा रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के परमाणु हमले की चेतावनी के बाद नाटो के तेवर सख्त हो गए हैं। नाटो संगठन का कहना है कि वह एक इंच जमीन भी रूस के पास नहीं रहने देगा। इसके लिए चाहे जिस स्तर पर जाना पड़ा। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस युद्ध का रास्ता परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रहा है। नाटो और मास्को के मध्य तनाव के बीच रूस में सरमत मिसाइलों की चर्चा तेज है। क्या सच में रूस परमाणु युद्ध की तैयारी कर रहा है। क्या है सरमत मिसाइल। इस इंटरकान्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की क्षमता क्या है।
क्या है सरमत मिसाइल की खूबियां
1- रूस की सरमत एक इंटरकान्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है। यह 15,880 मील प्रति घंटे की गति से लक्ष्य को तबाह करने में सक्षम है। यह दुनिया की सबसे वजनी मिसाइलों में से एक है। यह मिसाइल अपने एक ही वार में ब्रिटेन और फ्रांस जैसे शक्तिशाली देशों को बर्बाद करने की क्षमता रखती है। सरमत मिसाइल की लंबाई 115 फुट है। यह मिसाइल एक साथ 15 जगहों पर परमाणु हमला करने में सक्षम है। रोस्कोस्मोस ने कुल 46 सरमत मिसाइल बनाने की योजना बनाई है। इस मिसाइल को रूसी कंपनी मेकयेव राकेट डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है।
2- सरमत मिसाइल के अंदर 10 से 15 वारहेड लगे होते हैं, जो दूसरे फेज में हाई स्पीड से अलग-अलग जगहों पर निशाना साध सकते हैं। रूस की यह मिसाइल वर्ष 2009 से अंडर ट्रायल है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि यह मिसाइल अपराजेय हैं। इनमें रूसी किंझल और एवनगार्ड हाइपरसोनिक मिसाइलें भी शामिल हैं। यह दावा किया जा रहा है कि रूस की पांच या छह सरमत मिसाइलें अमेरिका के पूरे पूर्वी तट को राख के ढेर में बदल सकती हैं। रूस ने सबसे पहले इस मिसाइल का परीक्षण वर्ष 2017 में किया था। उस समय यह धरती पर सबसे खतरनाक और घातक परमाणु मिसाइल थी।
नाटो NATO ने पुतिन को ललकारा नाटो संगठन ने भी रूस के खिलाफ आक्रामक रुख अपना रखा है। इससे यह मामला गंभीर हो गया है। पश्चिमी देशों को यह भय सता रहा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन जिस तरह से आक्रामक रवैया अपना रहे हैं उसकी आंच पश्चिमी देशों तक आना तय है। गौरतलब है कि नाटो संगठन में कई पश्चिमी देश शामिल हैं, ऐसे में इन मुल्कों को उनकी सुरक्षा का भरोसा दिलाना संगठन की जिम्मेदारी है। यही कारण है कि यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर रूस में शामिल करने के बाद नाटो और अमेरिका मुखर हो गए हैं।
यूक्रेन के चार इलाकों पर कब्जे के बाद आक्रामक हुआ NATO इस युद्ध में पुतिन उन इलाकों में अपना प्रभुत्व चाहते हैं जहां से नाटो संगठन उनके नाक के नीचे तक आ सके। पुतिन ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों को रूस में शामिल करके यह संकेत दिया है कि वह रूस की सुरक्षा के लिए कोई भी कदम उठा सकते हैं। यही कारण है मित्र तुर्की के विरोध के बावजूद उन्होंने यूक्रेन के चार इलाकों पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। उधर, नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि पुतिन का यूक्रेन के क्षेत्रों पर शर्मनाक कब्जे से नाटो को यूक्रेन को अपना अटूट समर्थन देने से रोका नहीं जा सकेगा। नाटो चीफ ने कहा कि पुतिन के हालिया कदम ने दुनिया को परमाणु तबाही के एक कदम और करीब ला दिया है।
रूस के पास है महाविनाशक मिसाइल Sarmat Missileयूक्रेन जंग के दौरान रूस ने परमाणु हथियारों को लेकर जनता के बीच अधिक आकर्षक बनाने का प्रयास किया है। रूस के सरकारी टीवी चैनल ने इस पर ज्यादा प्रसारण किया है। इससे यह आशंका प्रबल हो गई है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन विनाशकारी सरमत मिसाइल सहित अपने छह सुपर हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं। रूस यूक्रेन तनाव अपने चरम पर इसलिए है क्योंकि नाटो पुतिन की धमकियों का उन्हीं की भाषा में जवाब दे रहा है। कुछ दिनों पहले नाटो प्रमुख ने कहा था कि पुतिन के इस कदम ने दुनिया को परमाणु तबाही के एक कदम और करीब ला दिया है। नाटो प्रमुख ने कहा कि हम यूक्रेन को अपने समर्थन के लिए प्रतिबद्ध हैं। यूक्रेन रूसी हमले से अपना बचाव कर रहा है।
24 फरवरी को रूस-यूक्रेन जंग की शुरुआतगौरतलब है कि 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। रूस को उम्मीद थी कि वह यूक्रेन जंग को थोड़े दिनों में समाप्त कर देगा, लेकिन न तो यूक्रेन हार मानता दिख रहा है और न ही रूस पीछे हटता दिख रहा है। 90 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन से जान बचाकर पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं। इस बीच, गेहूं, क्रूड आयल और गैस सहित कई जरूरी चीजों की आपूर्ति पूरी तरह से प्रभावित हुई है। इस जंग ने कई देशों के रणनीतिक समीकरण को बदल कर रख दिया है।
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