जेलेंस्की ने फ्रांस के राष्ट्रपति से की फोन पर बात, कहा- रूस परमाणु संयंत्र में उकसावे की बना रहा योजना
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को अपने फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों के साथ फोन पर बातचीत की। इसके बाद जेलेंस्की ने एक बयान में कहा कि मैंने फ्रांस के राष्ट्रपति को चेतावनी दी कि कब्जे वाले सैनिक जपोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में खतरनाक उकसावे वाली योजना की तैयारी कर रहे हैं। वहीं मॉस्को ने भी यूक्रेन पर ऐसे ही आरोप लगाए हैं।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 05 Jul 2023 05:30 AM (IST)
कीव, एएफपी। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को अपने फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों पर फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच रूस के साथ चल रहे युद्ध पर बातचीत हुई।
जेलेंस्की ने मैक्रों को बताया कि रूस जपोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में 'खतरनाक उकसावे' वाली योजना बना रहा है। बता दें कि जपोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र यूरोप का सबसे बड़ा संयंत्र है। हालांकि, रूसी आक्रमण के बीच परमाणु संयंत्र के लिए सुरक्षा जोखिमों को लेकर लगातार भय बना रहता है।
IAES के साथ मिलकर काम करने की योजना
जेलेंस्की ने मैक्रों के साथ बातचीत के बाद एक बयान में कहा कि मैंने फ्रांस के राष्ट्रपति को चेतावनी दी कि कब्जे वाले सैनिक जपोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में खतरनाक उकसावे वाली योजना की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAES) के साथ मिलकर स्थिति को नियंत्रण में रखने पर सहमत हुए।इससे पहले कीव की सेना ने निकट भविष्य में जपोरिजिया बिजली संयंत्र के क्षेत्र पर उकसावे की संभावित योजना की चेतावनी दी थी। दावा किया गया कि विस्फोटक उपकरणों को साइट पर तीसरे और चौथे रिएक्टर की बाहरी छत पर रखा गया था।
क्या है मॉस्को का कीव पर आरोप?
वहीं, मॉस्को ने कीव द्वारा हमले की आशंका व्यक्त करते हुए आरोप लगाया। मॉस्को में रूस की रोसाटॉम परमाणु एजेंसी के सलाहकार रेनाट करचा ने कहा कि 5 जुलाई की रात को अंधेर में यूक्रेनी सेना जपोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला करने की कोशिश करेगी।उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने हमले के लिए लॉन्ग रेंज के हथियारों के साथ ड्रोन का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है।उल्लेखनीय है कि रूस और यूक्रेन के बीच 17 महीने से ज्यादा समय से युद्ध जारी है। ऐसे में दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ सैन्य बढ़त हासिल करने की योजना को अंजाम देने में जुटे हुए हैं और नियमित तौर पर एक-दूसरे पर संयंत्र की सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाते हैं।