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Russia To Europe Gas Pipeline: रूस-यूरोप गैस पाइपलाइन शुरू लेकिन व्लादिमीर पुतीन के इस चेतावनी ने यूरोप की बढ़ा दी चिंता

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि गैस आपूर्ति कम या बंद भी हो सकती है। इससे पहले जून में रूस ने यूरोपीय देशों को दी जाने वाली गैस की मात्रा कम कर लगभग आधी कर दी थी।

By Piyush KumarEdited By: Updated: Thu, 21 Jul 2022 08:33 PM (IST)
Russia To Europe Gas Pipeline: रूस-यूरोप गैस पाइपलाइन शुरू लेकिन व्लादिमीर पुतीन के इस चेतावनी ने यूरोप की बढ़ा दी चिंता
नार्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन के जरिये रूस से यूरोप को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बहाल हो गई।(फाइल फोटो)

मास्को, एजेंसियां। वार्षिक रखरखाव संबंधी कार्य के बाद गुरुवार को नार्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन के जरिये रूस से यूरोप को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बहाल हो गई। दस दिन के बाद यह आपूर्ति शुरू हुई है लेकिन मात्रा को लेकर यूरोपीय देश आशंकित हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि गैस आपूर्ति कम या बंद भी हो सकती है। इससे पहले जून में रूस ने यूरोपीय देशों को दी जाने वाली गैस की मात्रा कम कर लगभग आधी कर दी थी। इसके बाद पाइपलाइन के रखरखाव संबंधी कार्य का हवाला देते हुए 11 जुलाई को दस दिन के लिए आपूर्ति बंद कर दी थी। 21 जुलाई से गैस आपूर्ति बहाल होने को लेकर यूरोप आशंकित था लेकिन गुरुवार से वह शुरू हो गई लेकिन मात्रा का सही पता 24 घंटे बाद लग सकेगा। यह वह समय है जब यूरोप ठंडक के मौसम के लिए गैस का भंडारण करता है लेकिन इस समय उसे रोजाना की जरूरत वाली गैस भी नहीं मिल पा रही है।

यूरोप की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा बुरा असर

एक महीने से प्रभावित हुई गैस आपूर्ति ने जर्मनी, इटली, फ्रांस समेत पूरे यूरोप की अर्थव्यवस्था को लेकर आशंकाएं पैदा कर दी हैं। यूरो अप्रत्याशित रूप से गिर गया है और महंगाई रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। जर्मनी के गैस नेटवर्क नियामक के प्रमुख क्लाज मूलर ने कहा है कि गैस की आपूर्ति सामान्य दिनों की अपेक्षा अगर 40 प्रतिशत कम रहती है तो वह तनाव के कम होने का संकेत नहीं है। हमारी मुश्किलें बनी रहेंगी। गैस आपूर्ति की मात्रा निर्धारित करने वाली रूसी कंपनी गैजप्रोम ने गैस आपूर्ति पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया है।

जर्मनी के लिए यह पाइपलाइन है महत्वपूर्ण

जर्मनी के लिए नार्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन को 11 जुलाई से रखरखाव के काम के कारण बंद कर दिया गया था। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते जर्मन अधिकारियों ने आशंका जताई थी कि पाइपलाइन शुरू ना हो पाए। दरअसल, इस पाइपलाइन से जर्मनी की गैस आपूर्ति का लगभग एक तिहाई हिस्से की पूर्ति की जाती है।