क्या काला सागर गलियारे से बाहर निकलेगा यूक्रेनी अनाज? मर्चेंट जहाजों ने गेहूं के लिए बंदरगाहों से किया संपर्क
काला सागर अनाज समझौता के टूटने के बाद पहली बार दो मर्चेंट जहाजों ने यूक्रेनी बंदरगाहों से अनाज के लिए संपर्क किया है। अफ्रीका और एशिया के लिए करीब 20000 टन गेहूं के लिए शनिवार सुबह संपर्क किया गया। यूक्रेन के बुनियादी ढांचा मंत्री ऑलेक्जेंडर कुब्राकोव ने कहा कि मर्चेंट जहाज चोर्नोमोर्स्क की ओर जाते दिखे जो ओडेशा शहर के पास तीन प्रमुख बंदरगाहों में से एक है।
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sun, 17 Sep 2023 02:06 AM (IST)
कीव, एएनआई। काला सागर अनाज समझौता के टूटने के बाद पहली बार दो मर्चेंट जहाजों ने यूक्रेनी बंदरगाहों से अनाज के लिए संपर्क किया है। अफ्रीका और एशिया के लिए करीब 20,000 टन गेहूं के लिए शनिवार सुबह संपर्क किया गया। समाचार एजेंसी एएनआई ने कीव के अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है।
ओडेशा शहर के पास दिखे मर्चेंट जहाज
यूक्रेन के बुनियादी ढांचा मंत्री ऑलेक्जेंडर कुब्राकोव ने कहा कि मर्चेंट जहाज चोर्नोमोर्स्क की ओर जाते दिखे, जो ओडेशा शहर के पास तीन प्रमुख बंदरगाहों में से एक है।
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बता दें कि अगर इन जहाजों के जरिए अनाजों की सप्लाई होती है, तो काला सागर अनाज समझौता टूटने के बाद ऐसा पहली बार होगा।
टूट चुका है काला सागर अनाज समझौता
मालूम हो कि काला सागर अनाज समझौता टूट गया है है। रूस अनाज ले जाने वाले मालवाहक जहाजों के लिए सुरक्षित मार्ग की गारंटी देने के लिए बनाए गए समझौते से पीछे हट गया है।समाचार एजेंसी एएनआई ने जहाजों की गतिविधियों से संबंधित मरीनट्रैफिक वेबसाइट का हवाला देते हुए बताया कि दोनों जहाज स्थानीय समयानुसार दोपहर दो बजे यूक्रेन के दक्षिण-पश्चिमी तट से लगभग 10 मील दूर देखे गए।
यह भी पढ़ेंः Russia Ukraine War: क्रीमिया ब्रिज पर कार के चलने पर लगी रोक, क्या एक बार फिर यूक्रेन के निशाने पर है ये पुल?इधर, भले ही मर्चेंट शिपिंग कंपनियां अस्थायी गलियारों का उपयोग कर कर रही है, लेकिन उन गलियारों पर भी रूसी हमले का खतरा है। यूक्रेन की नौसेना ने चेतावनी दी है कि वैकल्पिक मार्गों पर भी रूसी खतरा मंडरा रहा है।