Russia-Ukraine War: नाटो सहयोगियों ने की रूस के फैसले की निंदा, सीएफई संधि को लेकर उठाया जाएगा यह कदम
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सहयोगियों ने यूरोप में पारंपरिक सशस्त्र बलों पर संधि से हटने के रूस के फैसले की मंगलवार को निंदा की। नाटो के 31 सदस्य देशों ने ‘यूरोप में पारंपरिक सशस्त्र बल संधि’ पर हस्ताक्षर किये थे जिसका लक्ष्य शीत युद्ध के दौर के प्रतिद्वंद्वी देशों को आपसी सीमाओं के पास सैनिकों को जमा करने से रोकना था।
रॉयटर्स, ब्रुसेल्स। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सहयोगियों ने 'यूरोप में पारंपरिक सशस्त्र बलों पर संधि' से हटने के रूस के फैसले की मंगलवार को निंदा की। नाटो के 31 सदस्य देशों ने ‘यूरोप में पारंपरिक सशस्त्र बल संधि’ पर हस्ताक्षर किये थे, जिसका लक्ष्य शीत युद्ध के दौर के प्रतिद्वंद्वी देशों को आपसी सीमाओं के पास सैनिकों को जमा करने से रोकना था।
रूस ने अमेरिका को ठहराया दोषी
नाटो ने कहा कि यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें अन्य देश संधि का पालन करेंगे और रूस नहीं करेगा। रूस के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की कि मास्को संधि से अलग हो गया है। औपचारिक रूप से संधि से अलग होकर रूस ने पारंपरिक सशस्त्र बलों की प्रमुख श्रेणियों को सीमित कर दिया है। वहीं, रूस ने नाटो सैन्य गठबंधन के विस्तार के साथ शीत युद्ध के बाद की सुरक्षा को कमजोर करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका को दोषी ठहराया।
नाटो ने एक बयान में कहा, "सहयोगी यूरोप में पारंपरिक सशस्त्र बलों पर संधि (सीएफई) से हटने के रूस के फैसले और यूक्रेन के खिलाफ आक्रामक युद्ध की निंदा करते हैं, जो संधि के उद्देश्यों के विपरीत है।" बयान में आगे कहा गया है कि रूसी कदम उसकी नवीनतम कार्रवाई है, जिसने यूरो-अटलांटिक सुरक्षा को व्यवस्थित रूप से कमजोर कर दिया है।
सीएफई संधि को निलंबित करेगा अमेरिका
संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि वह 7 दिसंबर से संधि दायित्वों को निलंबित कर देगा। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध और संधि से उसके हटने से इससे संबंधित परिस्थितियां "मौलिक रूप से बदल गईं" और प्रतिभागियों के दायित्वों में बदलाव आया है। सुलिवन ने कहा कि हथियार नियंत्रण के लिए मॉस्को की निरंतर उपेक्षा के बावजूद, संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी प्रभावी पारंपरिक हथियार नियंत्रण के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।
बता दें कि रूस ने 2007 में संधि में भागीदारी निलंबित कर दी थी और 2015 में सक्रिय भागीदारी पर रोक लगा दी थी।