Russia Ukraine War: रूस का यूक्रेनी बंदरगाह पर हमला, हुआ भारी नुकसान; जेलेंस्की ने बताया आतंकी करतूत
यूक्रेन के साथ खाद्यान्न निर्यात समझौता रद करने के बाद रूस अब उसके निर्यात ढांचे को बर्बाद करने में लगा है। बुधवार को रोमानिया सीमा के नजदीक यूक्रेन की डानुबे नदी के तट पर बने बंदरगाह पर रूस ने ड्रोन हमले कर उसे भारी नुकसान पहुंचाया। इससे पहले रूस यूक्रेन के सबसे बड़े ओडेसा बंदरगाह और कुछ अन्य बंदरगाहों को भी भारी नुकसान पहुंचा चुका है।
कीव, रायटर। यूक्रेन के साथ खाद्यान्न निर्यात समझौता रद करने के बाद रूस अब उसके निर्यात ढांचे को बर्बाद करने में लगा है। बुधवार को रोमानिया सीमा के नजदीक यूक्रेन की डानुबे नदी के तट पर बने बंदरगाह पर रूस ने ड्रोन हमले कर उसे भारी नुकसान पहुंचाया।
इससे पहले रूस यूक्रेन के सबसे बड़े ओडेसा बंदरगाह और कुछ अन्य बंदरगाहों को भी भारी नुकसान पहुंचा चुका है। रूस की कार्रवाई के चलते विश्व में खाद्यान्न की कीमत बढ़ना शुरू हो गई है।
रूस का यूक्रेनी बंदरगाह पर हमला
उल्लेखनीय है कि रूस और यूक्रेन विश्व की जरूरत का करीब एक तिहाई खाद्यान्न निर्यात करते हैं। रूस के ड्रोन हमले में इजमेल बंदरगाह का भवन नष्ट हो गया है और वहां से खाद्यान्न का जहाजों में लदान रुक गया है। हमले में बंदरगाह भवन के आसपास के भवनों को भी नुकसान हुआ है।
जेलेंस्की ने की हमले की निंदा
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी आतंकियों ने एक बार फिर से बंदरगाह, खाद्यान्न और वैश्विक खाद्य सुरक्षा को निशाना बनाया है। यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री ओलेक्जेंडर कुब्राकोव ने कहा है कि रूसी हमले से करीब 40 हजार टन खाद्यान्न का नुकसान हुआ है। यह खाद्यान्न अफ्रीकी देशों, चीन और इजरायल भेजा जाना था।
विदेशी लड़ाकों के अड्डे थे बंदरगाह और खाद्यान्न गोदाम- रूस
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए ने कहा है कि निशाना बनाया गया बंदरगाह और खाद्यान्न गोदाम विदेशी लड़ाकों के अड्डे थे। वहां पर हथियार रखे जाते थे और युद्धपोतों की मरम्मत का काम भी होता था। बंदरगाह से खाद्यान्न का लदान बंद होने से नजदीक खड़े विदेशी मालवाही जहाजों के आवागमन को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई है। इस अनिश्चितता के चलते विश्व बाजार में गेहूं के मूल्यों में पांच प्रतिशत तक की भारी बढ़ोतरी हो गई है।
व्लादिमीर पुतिन ने तुर्किये के राष्ट्रपति से फोन पर की बात
इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन से टेलीफोन वार्ता में साफ कर दिया है कि काला सागर से यूक्रेनी जहाजों को गुजरने की अनुमति तब दी जाएगी जब रूस को भी खाद्यान्न और उर्वरक के निर्यात की समान रूप से सुविधा मिले। विदित हो कि यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिका, यूरोप और कई अन्य देशों ने रूस पर जहाजों के आवागमन को प्रतिबंधित कर रखा है।
वैगनर से पोलैंड, लिथुआनिया, लात्विया सतर्क
बेलारूस के सीमावर्ती इलाकों में वैगनर ग्रुप के लड़ाकों की बढ़ी गतिविधियों से पोलैंड, लिथुआनिया और लात्विया चौकन्ने हो गए हैं। ये देश बीते दो वर्षों से बेलारूस से बड़ी संख्या में शरणार्थियों के आने से परेशान थे, अब उन्हें वैगनर लड़ाकों की घुसपैठ का डर सताने लगा है। इन नाटो सदस्य देशों को डर है कि बेलारूस के रास्ते रूस उनके खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ने की तैयारी कर रहा है। ऐसा कर रूस इन नाटो सदस्य देशों को अस्थिर करना चाहता है। पोलैंड के प्रधानमंत्री मेटयूएज मोराविएस्की ने स्थिति को खतरनाक बताया है।