Russia-Ukraine War: यूक्रेन में और तबाही मचा सकती है रूसी सेना, जानें- इसके 5 प्रमुख कारण
यूक्रेन की सरकार उखाड़ फेंकने में मिली शुरुआती विफलता के बाद व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बात कही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलादिमरी जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी सेना अपने लोगों को परमाणु हथियारों के संभावित इस्तेमाल को लेकर तैयार करने में जुटी हैं।
By Jagran NewsEdited By: Ramesh MishraUpdated: Mon, 24 Oct 2022 06:25 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। रूस-यूक्रेन जंग को लेकर कई तरह की शंका व्यक्त की जा रही है। यह कहा जा रहा है कि अब यह जंग एक परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर वह कौन से प्रमुख संकेत हैं, जिससे यह शंका प्रबल हुई है। यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी है। भारतीय नागरिकों को फिलहाल यूक्रेन की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है। आइए जानते हैं उन पांच प्रमुख कारणों को जिसके चलते रूसी परमाणु हमले की चर्चा जोरों पर रही।
1- यूक्रेनी सेना ने रूसी सेना के आगे नहीं टेके घुटने विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि 24 फरवरी को जब जंग की शुरुआत हुई थी तब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यह उम्मीद थी कि शायद यूक्रेन रूसी सेना की ताकत के आगे कुछ दिनों में ही समर्पण कर देगा। हवा, जमीन और पानी के रास्ते रूस ने शुरुआती घंटों में यूक्रेन को असहाय कर दिया।
उस वक्त ऐसा लगा मानो कुछ ही दिनों में यूक्रेनी सेना घुटने टेक देगी। लेकिन यह युद्ध पुतिन के अनुमान से ज्यादा लंबा खिंच चुका है। आठ महीने के युद्ध में रूसी सेना को भारी क्षति हुई है। यह स्थिति पुतिन को भड़का सकती है। इससे यह युद्ध और तेज हो सकता है।
2- रूसी राष्ट्रपति ने परमाणु हथियारों की दी चेतावनी यूक्रेन की सरकार उखाड़ फेंकने में मिली शुरुआती विफलता के बाद व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बात कही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलादिमरी जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी सेना अपने लोगों को परमाणु हथियारों के संभावित इस्तेमाल को लेकर तैयार करने में जुटी हैं। हालांकि, उन्हें इस बात का यकीन नहीं कि रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं।
विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि रूस के सैन्य सिद्धांत के मुताबिक परमाणु हथियार तभी इस्तेमाल किए जाएंगे जब एक देश के रूप में रूस पर खतरा बढ़ेगा। यूक्रेन जंग के परिणाम रूस को निराश कर रहे हैं, ऐसे में इस युद्ध के अंत के लिए वह परमाणु हथियारों का प्रयोग कर सकते हैं। इसलिए वह बार-बार परमाणु हमले के संकेत भी दे रहे हैं।
3- क्रीमिया में कर्च ब्रिज पर हमला क्रीमिया में कर्च ब्रिज के ध्वस्त होने के बाद रूसी सेना आक्रामक हो गई है। रूसी सेना इस पुल का प्रयोग अपने सैन्य उपकरणों को ले जाने के लिए करती है। वर्ष 2018 में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस ब्रिज का उद्घाटन स्वयं किया था। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इसे आतंकवादी घटना करार दिया था।
इसके बाद पुतिन यूक्रेन के खिलाफ काफी आक्रामक हो गए हैं। उन्होंने इस पुल पर हमले के लिए यूक्रेनी सेना पर आरोप लगाया है। इस पुल पर धमाके के बाद रूसी सेना ने यूक्रेन के कई शहरों में मिसाइल हमले शुरू किए हैं। इसके बाद रूसी सेना ने यूक्रेन की राजधनी कीव पर मिसाइलों से हमला किया है।
4- यूक्रेनी सेना के हमलों से बौखलाए पुतिनप्रो पंत ने कहा कि रूस के कब्जे वाले कई इलाकों में यूक्रेनी सेना ने अपने हमले तेज कर दिए हैं। रूसी सेना के कब्जे वाले कई इलाकों को मुक्त कराने के लिए यूक्रेनी सेना ने हाल के हफ्तों में तेजी से हमले किए हैं। सितंबर के अंतिम सप्ताह में ऐसे हमले और ज्यादा तेज हुए हैं, जिससे रूसी सेना को तमाम ऐसी जगहों से पीछे हटना पड़ा है। इससे पुतिन पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं। यूक्रेनी सेना पर दबाव बनाने के लिए पुतिन अपनी युद्ध की रणनीति बदल सकते हैं। वह यूक्रेनी राष्ट्रपति पर दबाव बनाने के लिए हमलों को और तेज कर सकते हैं।
5- खेरसान को लेकन पुतिन यूक्रेन पर ले सकते हैं बड़ा फैसलाखेरसान इलाके को जिस तरह से पुतिन ने खाली करने का फरमान जारी किया उससे यह आशंका प्रबल हो गई है कि रूस अपने हमलों को और तेज कर सकता है। प्रो पंत ने कहा कि रूसी सेना का यह संकेत सही नहीं है। खासकर तब जब यूक्रेनी सेना दावा कर रही है कि वह जल्द ही खेरसान को अपने नियंत्रण में कर लेगी। अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है तो पुतिन शांत नहीं बैठ सकते। वह रूसी सेना को और अधिक हमले के आदेश दे सकते हैं। इसमें परमाणु हमला भी शामिल है।
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