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Azerbaijan: रूसी शांति सेना ने अजरबैजान के नागोर्नो-काराबाख से शुरू की वापसी, हजारों सैनिकों की हुई थी तैनाती

अजरबैजान के नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में मास्को की वर्षों पुरानी सैन्य भागीदारी रूसी शांति सेना की वापसी के साथ समाप्त हो गई है। नवंबर 2020 में मास्को द्वारा किए गए समझौते में नागोर्नो-काराबाख के अलग हुए दक्षिण काकेशस क्षेत्र में 2000 से अधिक रूसी शांति सेना की तैनाती की थी जिससे अजरबैजानी और जातीय अर्मेनियाई बलों के बीच छह सप्ताह की लड़ाई समाप्त हो गई थी।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Thu, 18 Apr 2024 08:19 PM (IST)
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रूसी शांति सेना ने अजरबैजान के नागोर्नो-काराबाख से शुरू की वापसी।
बाकू, एएनआई। अजरबैजान के नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में मास्को की वर्षों पुरानी सैन्य भागीदारी रूसी शांति सेना की वापसी के साथ समाप्त हो गई है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मीडिया से बुधवार को मामले की पुष्टि की है।

इस लिए हुई थी रूसी शांति सैनिकों की तैनाती

नवंबर 2020 में मास्को द्वारा किए गए समझौते में नागोर्नो-काराबाख के अलग हुए दक्षिण काकेशस क्षेत्र में 2,000 से अधिक रूसी शांति सेना की तैनाती की थी जिससे अजरबैजानी और जातीय अर्मेनियाई बलों के बीच छह सप्ताह की लड़ाई समाप्त हो गई थी।

शांति सेना की तैनाती के बावजूद नागोर्नो-काराबाख में रहने वाले 120,000 जातीय अर्मेनियाई लोगों को क्षेत्र छोड़ने के लिए मजबूर किया गया और अलग हुए क्षेत्र के नेताओं को तब पकड़ लिया गया जब अजरबैजान ने पिछले साल सितंबर में क्षेत्र को जबरन वापस ले लिया।

नवंबर 2025 तक रहने की थी योजना

उस समय अर्मेनिया के राजनीतिक नेतृत्व की ओर से मॉस्को पर अर्मेनियाई हितों के लिए साथ न देने का आरोप लगाया गया था। हालांकि, रूस ने आरोपों को नकार दिया था। मूल रूप से शांति सैनिकों के नवंबर 2025 तक रहने की योजना थी। यह वापसी क्षेत्र के अन्य देशों के दबाव के परिणामस्वरूप हो रहा है। नागोर्नो-काराबाख का पहाड़ी क्षेत्र लंबे समय से अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष का कारण रहा है।

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