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'ये अब विकल्प नहीं, बल्कि वैश्विक परिदृश्य की स्थापित विशेषता है', ब्रिक्स के विस्तार पर बोले एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि ब्रिक्स समूह न केवल बहुध्रुवीयता का प्रतीक है बल्कि अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से निपटने के अनेक तरीकों की अभिव्यक्ति भी है। उन्होंने कहा कोई छूट नहीं जाए इसके लिए लचीली और प्रामाणिक आपूर्ति शृंखला बनाना अहम है।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 03 Jun 2023 05:55 AM (IST)
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ब्रिक्स के विस्तार पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर।
केपटाउन, पीटीआई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि ब्रिक्स समूह न केवल बहुध्रुवीयता का प्रतीक है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से निपटने के अनेक तरीकों की अभिव्यक्ति भी है।

ब्रिक्स अब विकल्प नहीं रहा: जयशंकर

"फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स' के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा

ब्रिक्स अब विकल्प नहीं रहा, यह वैश्विक परिदृश्य की स्थापित विशेषता है।

उन्होंने कहा कि पांच देशों-ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का समूह न केवल बहुध्रुवीयता का प्रतीक है बल्कि अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से निपटने के अनेक तरीकों की अभिव्यक्ति है।

जयशंकर ने सभी को एक साथ आने पर दिया जोर

जयशंकर ने ट्वीट किया, ''इसका ध्यान अधिक निष्पक्ष, समावेशी और खुले अंतरराष्ट्रीय ढांचे का निर्माण करने पर है जिसके केंद्र में सतत विकास हो।'' उन्होंने कहा, ''कोई छूट नहीं जाए, इसके लिए लचीली और प्रामाणिक आपूर्ति शृंखला बनाना अहम है।''

जयशंकर ने कहा कि 'फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स' संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की पुरजोर वकालत करता है। बता दें कि भारत, सुरक्षा परिषद में सुधार के उद्देश्य से कई वर्षों से चल रहे प्रयासों में अग्रणी रहा है। जयशंकर ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने यहां आये हैं।

विदेश मंत्री ने अपने समकक्षों से की मुलाकात

इससे पहले, एस जयशंकर ने ब्राजील, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अपने समकक्षों से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।