एस. जयशंकर ने शिव सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर में किए दर्शन, विश्व हिंदी सम्मेलन में पहुंचे हैं विदेश मंत्री
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज नादी में श्री शिव सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर का दौरा किया और देवताओं के दर्शन किए। साथ ही उन्होंने इससे पहले12 वें विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था। नादी शहर में श्री शिव सुब्रमण्यम मंदिर प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है।
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Wed, 15 Feb 2023 01:50 PM (IST)
नादी, एएनआई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज नादी, फिजी में 12 वें विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने फिजी में श्री शिव सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर का दौरा किया और देवताओं के दर्शन किए। यह जानकारी खुद उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा की है। जयशंकर ने ट्वीट किया कि नादी में श्री शिव सुब्रह्मण्य स्वामी मंदिर गए और दर्शन किए। अपने संसदीय सहयोगियों के साथ फिजी में हमारी जीवंत संस्कृति और परंपराओं को पहली बार फलते-फूलते देखा है।
12वें विश्व हिंदी समारोह का जयशंकर ने किया था उद्घाटन
फिजी के नादी शहर में श्री शिव सुब्रमण्यम मंदिर, प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। जयशंकर मंगलवार को 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में भाग लेने के लिए फिजी पहुंचे थे। फिजी के शिक्षा मंत्री असेरी राड्रोड्रो ने उनका स्वागत भी किया था। जयशंकर और फिजी के उप प्रधान मंत्री बिमन चंद प्रसाद ने बुधवार को विकासात्मक सहयोग के माध्यम से भारत-फिजी संबंधों को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा की है।
डीपीएम बिमनप्रसाद से विकास और दोनों देशों के लंबे संबंधों पर हुई चर्चा
जयशंकर ने बुधवार को ट्वीट किया कि नई दिल्ली में बैठक के तुरंत बाद नादी में फिजी सरकार के डीपीएम बिमनप्रसाद से मिलकर अच्छा लगा। हमारे विकास सहयोग के माध्यम से हमारे लंबे समय के संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। विश्व हिंदी समारोह में फिजी के राष्ट्रपति रातू विलिमे मैवालीली कातोनिवेरे भी उपस्थित रहे थे। इस कार्यक्रम में जयशंकर ने दुनिया भर में हिंदी को बढ़ावा देने पर जोर दिया है।
विभिन्न देशों से हिंदी की स्थिति जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे विदेश मंत्री
जयशंकर ने मंगलवार को फिजी में विश्व हिंदी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व हिंदी सम्मेलन जैसे आयोजनों में यह स्वाभाविक है कि हमारा ध्यान हिंदी भाषा के विभिन्न पहलुओं, इसके वैश्विक उपयोग और इसके प्रसार पर होना चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा कि हम फिजी, प्रशांत क्षेत्र और अनुबंधित देशों में हिंदी की स्थिति जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।"वैश्विक मंच पर आवाज उठा रहीं औपनिवेशिक युग के दौरान दबाई गई भाषाएं"
जयशंकर ने आगे कहा कि पश्चिमी भाषाओं और परंपराओं की नकल करने का युग खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि वह युग जब हमने पश्चिमीकरण के साथ प्रगति और आधुनिकता की तुलना की थी। कई ऐसी भाषाएं और परंपराएं जो औपनिवेशिक काल के दौरान दबा दी गई थीं, फिर से वैश्विक मंच पर अपनी आवाज उठा रही हैं।
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