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Israel Hamas War: 'हम फलस्तीनियों को मानवीय सहायता भेजना जारी रखेंगे', संयुक्त राष्ट्र में भारत ने रखा अपना पक्ष

Israel Hamas War बीते कई दिनों से हमास और इजरायल के बीच भीषण युद्ध जारी है। इस बीच भारत ने भी फलस्तीन के लोगों की सहायता की है। भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि (DPR) राजदूत आर. रवींद्र ने UNSC में कहा कि भारत ने गाजा में 38 टन भोजन और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण भेजी है।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Wed, 25 Oct 2023 08:07 AM (IST)
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इजरायल-हमास युद्ध के बीच UNSC में बोला भारत
एएनआई, न्यूयॉर्क (यूएस)। संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि (DPR) राजदूत आर. रवींद्र ने बुधवार को इजराइल-हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच गाजा पट्टी में नागरिकों को मानवीय सहायता भेजने के नई दिल्ली के प्रयासों को रेखांकित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि गाजा में 38 टन भोजन और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण भेजे हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फलस्तीनी प्रश्न सहित मध्य पूर्व की स्थिति पर खुली बहस में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रवींद्र ने यह बयान दिया।

बढ़ता मानवीय संकट चिंताजनक-  आर. रवींद्र

पश्चिम एशिया में शत्रुता के नवीनतम अध्याय पर खुली बहस के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि भारत बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और चल रहे संघर्ष में नागरिकों के बड़े पैमाने पर नुकसान को लेकर चिंतित है।

उन्होंने कहा, बढ़ता मानवीय संकट भी उतना ही चिंताजनक है।

रवींद्र ने कहा, भारत ने फलस्तीन के लोगों को दवाओं और उपकरणों सहित 38 टन मानवीय सामान भेजा है। हम पार्टियों से यह भी आग्रह करते हैं कि वे शांति के लिए आवश्यक स्थितियां बनाने और सीधी बातचीत को फिर से शुरू करने की दिशा में काम करें, जिसमें तनाव कम करना और हिंसा को लेकर बातचीत भी शामिल है।

उन्होंने कहा, इस क्षेत्र में हमारी उपयोगिताओं की वृद्धि ने केवल गंभीर मानवीय स्थिति को बढ़ा दिया है, इसने एक बार फिर युद्धविराम की नाजुक प्रकृति को रेखांकित किया है।

7 अक्टूबर से जारी इजरायल हमास युद्ध

संयुक्त राष्ट्र में उप स्थायी दूत ने कहा कि इजराइल में 7 अक्टूबर को हुए आतंकवादी हमले चौंकाने वाले थे और भारत ने उनकी स्पष्ट रूप से निंदा की।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी उन पहले वैश्विक नेताओं में से एक थे जिन्होंने जानमाल के नुकसान पर संवेदना व्यक्त की और निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना की।

रवींद्र ने कहा, हम संकट की घड़ी में इजराइल के साथ एकजुटता से खड़े थे जब वे इन आतंकी हमलों का सामना कर रहे थे।

भारत ने जताया था दुख

विश्व निकाय में भारत के उप स्थायी दूत ने कहा, हमने गाजा के अल हाली अस्पताल में लोगों की दुखद क्षति पर भी गहरा दुख व्यक्त किया है, जहां कई सैकड़ों नागरिक हताहत हुए हैं और हजारों घायल हुए हैं। पीड़ितों के परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।

रवींद्र ने कहा, पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि हमले में शामिल लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, उन्होंने कहा कि जारी संघर्ष में नागरिकों की हताहत होना गंभीर और निरंतर चिंता का विषय है। सभी पक्षों को नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की रक्षा करनी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा, उभरते मानवीय संकट पर ध्यान देने की जरूरत है। हम गाजा के लोगों को मानवीय सामान पहुंचाने और तनाव कम करने के अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का स्वागत करते हैं।

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