Sheikh Hasina resigns: शेख हसीना ने छोड़ा देश? 15 साल तक राजनीतिक ऊंचाइयों पर राज करने के बाद सत्ता के पतन की कहानी
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन सोमवार को और उग्र हो गया। हजारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के आवास में घुस गए। ढाका में हालात बेकाबू गए। हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। कैसे हसीना के पिता ने बसाया बांग्लादेश फिर बांग्लादेशियों ने ही उनके माता-पिता और भाई की कर दी थी हत्या? यहां पढ़िए भारत में पालन-पोषण होने से लेकर शरण लेने तक की कहानी...
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्या हमारा पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश भी म्यांमार और पाकिस्तान की राह पर चल पड़ा है? या फिर चीन की चालबाजियों के आगे लोकतंत्र ने घुटने टेक दिए हैं। कई दिनों से बांग्लादेश में चल रहा आंदोलन अब उग्र हो चला है और हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा है।
बेकाबू आंदोलनकारियों के आगे कानून-व्यवस्था ने लगभग दम तोड़ दिया है। राजधानी ढाका हुड़दंगियों के हवाले हो चुकी है और प्रधानमंत्री निवास में अराजकता के निशान चारों ओर दिखाई दे रहे हैं। गृहमंत्री का घर आग के हवाले हो चुका है और सत्ताधारी पार्टी के दफ्तर को जला दिया गया है।
इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के निर्माता और शेख हसीना के पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को भी तोड़ दिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना को कई दिनों पहले ही यह समझ आ गया था कि देश की कमान उनके हाथों से निकल चुकी है। सोमवार को वो अपना विदाई भाषण दे ही रहीं थीं कि अचानक आंदोलनकारी वहां पहुंच गए और हसीना को जान बचाकर भागना पड़ा।
उधर, ढाका में सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने लोगों से शांति बहाली की अपील की है। बांग्लादेश अखबार प्रोथोम आलो के मुताबिक, प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देने के बाद बहन रेहाना संग मिलिट्री हेलीकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हो गईं।
बांग्लादेश में सेना बनाएगी अंतरिम सरकार
सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने शेख हसीना के इस्तीफे की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अब सेना अंतरिम सरकार बनाएगी। हम हालात काबू में ले आएंगे। भरोसा रखें।
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300 की मौत और हजारों घायल
बांग्लादेश पिछले एक महीने से हिंसा की आग में धधक रहा है। शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं। हाईवे और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले छात्रों पर पुलिस गोली मारने के साथ में आंसू गैस के गोले छोड़ रही है। इसमें 300 से ज्यादा की जान गईं और हजारों घायल हुए।गूगल ट्रेंड में हसीना टॉप पर
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना आज दिन भर गूगल सर्च में टॉप ट्रेंड में शामिल रहीं।अनिश्चितकाल के लिए लगा कर्फ्यू
हालात इतने खराब हैं कि पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। बाजार, बैंक और कंपनियां बंद कर दी गईं। स्कूलों और कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई। प्रदर्शन को दबाने के लिए देश में इंटरनेट सेवा पर पाबंदी लगा दी गई। यह भी पढ़ें -बांग्लादेश में क्यों भड़की हिंसा? प्रदर्शनकारियों ने किस वजह से शेख हसीना के खिलाफ खोला मोर्चाहसीना ने प्रदर्शनकारियों के लिए क्या कहा?
शेख हसीना और उनकी सरकार ने शुरुआत में कहा कि नौकरियों में आरक्षण को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन में छात्र शामिल नहीं थे। इसी के साथ झड़पों और आगजनी के लिए इस्लामिक पार्टी, जमात-ए-इस्लामी और मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) को जिम्मेदार ठहराया। रविवार को दोबारा हिंसा भड़कने के बाद हसीना ने कहा, ''जो लोग हिंसा कर रहे हैं, वे छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं, जोकि देश को अस्थिर करना चाहते हैं। मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि वे इन आतंकियों को रोकने के लिए एकजुट हो जाएं।''यह भी पढ़ें - गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पर उतरा शेख हसीना का एयरक्राफ्ट, बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पहुंचीं भारतभारत के इन राज्यों में सबसे ज्यादा सर्च किया
बांग्लादेश में उग्र प्रदर्शन, शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर छोड़ने और भारत आने तक के पूरे घटनाक्रम को दिल्ली और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में खोजा गया।हसीना की पार्टी के छह नेताओं की मॉब लिंचिंग
प्रदर्शनकारियों ने नरसिंगडी जिले में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के छह कार्यकर्ताओं को मॉब लिंचिंग कर मार डाला। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहर में प्रदर्शनकारियों ने जुलूस निकाला था, जिसे लेकर अवामी लीग के कार्यकर्ता नाराज हो गए थे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें चार प्रदर्शनकारी घायल हो गए। इस पर भड़के प्रदर्शनकारियों ने पलटवार किया। अवामी लीग के कार्यकर्ता डरकर एक मस्जिद में छिप गए, जहां से निकालकर उनको पीट-पीटकर मार डाला।शेख हसीना का इस्तीफा क्यों मांग रहे प्रदर्शनकारी?
नौकरियों में आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारी हिंसा और मौतों क लिए हसीना सरकार को जिम्मेदार मानते हैं। वहीं हसीना के विरोधी और मानवाधिकार समूहों ने उनकी सरकार पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग करने का आरोप लगाया है। इसलिए शेख हसीना का इस्तीफा मांग रहे थे। हालांकि सरकार इन आरोपों से इनकार करती रही है।बांग्लादेश में प्रदर्शन कब और क्यों शुरू हुए?
बांग्लादेश में सरकार ने साल 2018 में अलग-अलग समुदाय को मिलने वाला 56 प्रतिशत आरक्षण खत्म कर दिया था। इस साल 5 जून को ढाका हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को पलट दिया और दोबारा आरक्षण लागू कर दिया। इसके बाद पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिनमें 150 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट के फैसले में परिवर्तन करते हुए आरक्षण की सीमा 56 प्रतिशत से कम कर 7% कर दी। इसमें 5 प्रतिशत स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार को (जो पहले 30% था) और 2 प्रतिशत एथनिक माइनॉरिटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग के लिए तय कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 93 प्रतिशत नौकरियां मेरिट के आधार पर मिलेंगी। सिर्फ 7 प्रतिशत आबादी को ही आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसके बाद आंदोलन मंद पड़ने लगा था। इसके बाद से प्रदर्शन धीमे होने लगे थे।गूगल ट्रेंड में ट्रेंड करते रहे ये कीवर्ड
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर गूगल सर्च में ' शेख हसीना, शेख हसीना की फ्लाइट, व्हेयर इज शेख हसीना' जैसे कीवर्ड पूरे दिन ट्रेंड करते रहे।दोबारा क्यों हिंसक हुए प्रदर्शनकारी?
हाई कोर्ट के फैसले के बाद हुए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे छह लोगों को डिटेक्टिव ब्रांच ने सुरक्षित रखने के नाम पर छह दिनों तक हिरासत में रखा। इनमें से नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद और अबू बकर मजूमदार घायल थे। उनका हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। डिटेक्टिव ब्रांच के अधिकारी इन तीनों को अस्पताल से उठाकर ले गई।इनसे आंदोलन को वापस लेने के लिए जबरदस्ती वीडियो बनवाया। जब आंदोलनकारी नेता कैद में थे, तब गृहमंत्री असदुज्जमां कमाल ने ये दावा किया था कि इन लोगों ने स्वेच्छा से आंदोलन खत्म करने की बात कही है। जब आंदोलनकारियों को छोड़ा गया और इस पूरी घटना का खुलासा हुआ तो प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और भड़क गया।इसके बाद से ही प्रदर्शनकारी मांग कर रहे कि...
- प्रधानमंत्री शेख हसीना सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे।
- प्रधानमंत्री पद से हसीना अपना इस्तीफा दें।
- इंटरनेट कनेक्शन की बहाली करें।
- कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों को फिर से खोलें।
- गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों को जल्द से रिहा करें।