Move to Jagran APP

शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेजेगा भारत? दोनों देशों के बीच पुरानी संधि बढ़ा सकती है पूर्व PM की मुश्किलें

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के वकील करीम एए खान से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद शेख हसीना के प्रत्यर्पण की चर्चा फिर से शुरू हो चुकी है। सबसे बड़ा सवाल है कि भारत शेख हसीना को बांग्लादेश को वापस भेजा जा सकता है? इस बात की संभावना काफी कम है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Sat, 28 Sep 2024 10:15 AM (IST)
Hero Image
शेख हसीना के प्रत्यर्पण की चर्चा एक बार फिर से शुरू हो चुकी है।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के प्रत्यर्पण का मामला एक बार फिर तूल पकड़ चुका है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) के वकील करीम एए खान से मुलाकात की है।

दोनों के बीच बातचीत मानवता के खिलाफ अपराध को लेकर आरोपियों के मुकदमे की प्रक्रिया पर केंद्रित था। 

भारत-बांग्लादेश के बीच क्या है संधि?

सबसे बड़ा सवाल है कि भारत शेख हसीना को बांग्लादेश को वापस भेजा जा सकता है? इस बात की संभावना काफी कम है। हालांकि, भारत और बांग्लादेश के बीच साल 2013 से प्रत्यर्पण संधि है। प्रत्यर्पण संधि के मुताबिक, दोनों देशों को एक-दूसरे के अपराधी सौंपने पड़ते हैं।

साल 2015 में बांग्लादेश ने अनूप चेतिया को भारत को सौंपा था। अनूप चेतिया  असम के अलगाववादी संगठन उल्फा का नेता था। वो साल 1997 में ढाका की जेल में बंद था।

टूट सकती है संधि?

संधि में प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति ने ऐसा अपराध किया है, जिसमें कम से कम एक साल की सजा सुनाई गई है तो उसे प्रत्यप्रित किया जाएगा।

गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच इस संधि का अनुच्छेद 21(3) दोनों देशों को यह इजाजत देता है कि वो यह संधि खत्म भी कर सकते हैं। मुमकिन है कि शेख हसीना के प्रत्यर्पण मामले में भारत यह संधि तोड़ सकता है।

शेख हसीना के खिलाफ 194 मामले दर्ज

शेख हसीना, उनकी बहन शेख रेहाना और 69 अन्य लोगों के खिलाफ एक बुनकर की हत्या समेत कुल 194 मामले दर्ज किए गए हैं। विगत पांच अगस्त को ढाका के कफरुल क्षेत्र में हुए आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बाद 76 वर्षीय हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भारत की शरण में आना पड़ा था।

यह भी पढ़ें: क्या बांग्लादेश में हिंदू नहीं मना पाएंगे दुर्गा पूजा? कट्टरपंथियों से मिल रही धमकी