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Bangladesh Elections: बांग्लादेश में फिर हसीना राज, 5वीं बार संभालेंगी सत्ता; BNP ने किया था चुनाव का बहिष्कार

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री एवं अवामी लीग प्रमुख शेख हसीना पाचवीं बार चुनी गई। बांग्लादेश में मतदान खत्म हो चुका है और काउंटिंग जारी है। हालांकि सत्तारूढ़ अवामी लीग ने 50 फीसद से ज्यादा वोट सीटों पर कब्जा कर लिया है। बांग्लादेश में छिटपुट हिंसा की घटनाओं और मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और उसके गठबंधन सहयोगियों के बहिष्कार के बीच रविवार को आम चुनाव खत्म हुआ।

By Agency Edited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 07 Jan 2024 11:57 PM (IST)
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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (फोटो: एएनआई/एएफपी)
एजेंसी, ढाका। बांग्लादेश में एक बार फिर शेख हसीना का राज होगा। एक बार फिर से उन्होंने रिकॉर्ड मतों से आम चुनाव में जीत दर्ज की। बता दें कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री एवं अवामी लीग प्रमुख शेख हसीना को पांचवें कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया। बांग्लादेश में मतदान खत्म हो चुका है और काउंटिंग जारी है। हालांकि, सत्तारूढ़ अवामी लीग ने 50 फीसद से ज्यादा वोट सीटों पर कब्जा कर लिया है। 

बांग्लादेश में छिटपुट हिंसा की घटनाओं और मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और उसके गठबंधन सहयोगियों के बहिष्कार के बीच रविवार को आम चुनाव खत्म हुआ। बता दें कि 76 वर्षीय हसीना 2009 से सत्ता में हैं और उनकी अवामी लीग ने दिसंबर 2018 में पिछला चुनाव जीता था।

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, काउंटिंग जारी है और शेख हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग ने 50 फीसद से अधिक सीटों पर कब्जा किया है। अवामी लीग ने जिन सीटों पर चुनाव लड़ा वहां पर तकरीबन किसी दमदार प्रतिद्वंद्वी का सामना नहीं करना पड़ा।

गोपालगंज-3 सीट से जीतीं शेख हसीना

शेख हसीना ने एक बार फिर से गोपालगंज-3 संसदीय सीट से शानदार जीत दर्ज की। उन्हें 2,49,965 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को महज 469 वोट ही हासिल हुए।

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क्या कुछ बोलीं शेख हसीना?

मतदान शुरू होने के तत्काल बाद शेख हसीना ने पड़ोसी मुल्क भारत को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत बांग्लादेश का विश्वसनीय मित्र है। हम बहुत भाग्यशाली हैं कि वह हमारा मित्र है। उन्होंने कहा था,

हमारे मुक्ति संग्राम के दौरान उन्होंने हमारा समर्थन किया। 1975 के बाद जब हमने अपना पूरा परिवार खो दिया उन्होंने हमें आश्रय दिया। इसलिए भारत के लोगों को हमारी शुभकामनाएं।

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