Bangladesh Protest: बांग्लादेश में पहले भी हुआ है तख्तापलट, कई नेताओं को छोड़ना पड़ा था देश; जानिए पूरा घटनाक्रम
आरक्षण को लेकर बांग्लादेश में आंदोलन के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया और अपना देश छोड़ दिया। उनके बाद बांग्लादेश की सेना ने सत्ता अपने हाथ में ली है। आज बांग्लादेशी संसद भंग हो जाएगी और अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा। इस खबर में आज हम आपको बताएंगे कि शेख हसीना से पहले भी कई जन प्रतिनिधियों को देश छोड़कर भागना पड़ा है।
एएफपी, पेरिस (फ्रांस)। बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर छात्रों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन और सेना के दबाव के बीच सोमवार को देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दिया और अपना देश छोड़ दिया।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस तरह से दबाव में देश को छोड़ना दक्षिण एशियाई देश में पहली बार नहीं हुआ है। आधी सदी पहले भी आजादी मिलने के बाद देश के कई नेताओं को देश छोड़ कर भागने पर मजबूर होना पड़ा है।
आज हम बांग्लादेश के अशांत इतिहास को लेकर मुख्य बिंदुओं पर बात करने जा रहे हैं।
1975: हत्याओं और तख्तापलट की भरमार
पूर्व में पूर्वी पाकिस्तान, बांग्लादेश 1971 में भारत के साथ एक क्रूर युद्ध के बाद एक नए राष्ट्र के रूप में उभरा।स्वतंत्रता के नायक शेख मुजीबुर रहमान (Sheikh Mujibur Rahman) देश के पहले प्रधानमंत्री बने, फिर उन्होंने एक-दलीय प्रणाली (one-party system) शुरू की और जनवरी 1975 में राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला।
एक साल के भीतर ही 15 अगस्त को सैनिकों के एक समूह ने उनकी पत्नी और तीन बेटों के साथ उनकी हत्या कर दी। इसके बाद सेना के एक हिस्से के समर्थन से खोंडाकर मुस्ताक अहमद (Khondaker Mostaq Ahmad) ने सत्ता संभाली।अहमद का कार्यकाल अल्पकालिक (short-lived) था। 3 नवंबर को सेना के चीफ ऑफ स्टाफ खालिद मुशर्रफ द्वारा उकसाए गए तख्तापलट में उन्हें उखाड़ फेंका गया, जिनकी बदले में प्रतिद्वंद्वी विद्रोहियों द्वारा हत्या कर दी गई। इसके बाद जनरल जियाउर रहमान ने 7 नवंबर को सत्ता संभाली।