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दोस्ती में दरार! शेख हसीना के बयान पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत को क्यों दी चेतावनी?

India-Bangladesh Relations बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि अंतरिम सरकार भारत के साथ मिलकर काम करना और द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाना चाहती है। हालांकि उन्होंने शेख हसीना के बयान पर दोनों देशों के संबंधों पर असर पड़ने की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि ये द्विपक्षीय संबंधों के लिए अनुकूल नहीं है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 14 Aug 2024 06:56 PM (IST)
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हुसैन ने कहा कि अंतरिम सरकार सभी धार्मिक समूहों की सुरक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। (File Image)
पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत के साथ मिलकर काम करना और द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाना चाहती है। विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने बुधवार को यह बात कही। हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत में रहते हुए दिया गया सार्वजनिक बयान बेहतर द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल नहीं है।

हुसैन ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा से शिष्टाचार मुलाकात के बाद यह बात कही। बैठक के दौरान उन्होंने बांग्लादेश में हुए हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। बांग्लादेश में हाल में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है और अल्पसंख्यकों व मंदिरों पर हमले हुए हैं।

'शांति स्थापित करने के लिए अंतरिम सरकार प्रतिबद्ध' 

हुसैन ने बैठक के दौरान कहा कि बांग्लादेश भारत के साथ मिलकर काम करना और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना चाहता है। हुसैन ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों समेत विभिन्न समुदायों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की सरकार गिरने और अंतरिम सरकार का गठन होने के बाद वर्मा और तौहीद की यह पहली मुलाकात थी। नौकरियों में आरक्षण प्रणाली को लेकर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री हसीना पद से इस्तीफा देकर पांच अगस्त को देश छोड़कर भारत चली गई थीं।

हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी: तौहीद हुसैन

हुसैन ने कहा कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार समावेशी व बहुलवादी लोकतंत्र सुनिश्चित करने तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं भागीदारीपूर्ण चुनाव कराने के लिए माहौल बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है। प्रणय वर्मा ने पिछले गुरुवार को यूनुस के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था। हुसैन ने कहा कि सरकार सभी धार्मिक व जातीय समूहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और उनके खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा या धमकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उन्होंने कहा कि सभी धार्मिक समूह और अन्य राजनीतिक दल भी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं। बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस ने दावा किया कि पांच अगस्त को हसीना के नेतृत्व वाली सरकार गिरने के बाद से 48 जिलों में 278 स्थान पर हमले हुए हैं और उन्हें धमकाया गया है। अलायंस ने इसे हिंदू धर्म पर हमला करार दिया।

हसीना के बयान पर जताई नाराजगी

हसीना के हालिया सार्वजनिक बयान का हवाला देते हुए हुसैन ने वर्मा से कहा कि भारत में रहते हुए दिए गए ऐसे बयान बेहतर द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल नहीं हैं। हसीना ने अपने पद से हटने के बाद अपने पहले सार्वजनिक बयान में मंगलवार को न्याय की मांग करते हुए कहा कि हालिया आतंकवादी कृत्यों, हत्याओं व बर्बरता में शामिल लोगों के खिलाफ जांच की जानी चाहिए, उनकी पहचान की जानी चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।

भारतीय राजनयिक से मुलाकात के दौरान हुसैन ने उन्हें बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह वीर छात्रों के नेतृत्व में हुए जन-विद्रोह के जरिए बांग्लादेश ने दूसरी आजादी हासिल की उन्होंने मुख्य सलाहकार के तौर पर नई जिम्मेदारी संभालने पर दी गई शुभकामनाओं के लिए भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

पीएम मोदी ने दी थीं शुभकामनाएं 

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सप्ताह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनने पर यूनुस को शुभकामनाएं दी थीं और हालात जल्द सामान्य होने तथा देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की उम्मीद जताई थी।