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बचपन में अधजली लाश देखकर बनना चाहता था जासूस, ‘बिकनी किलर’ शोभराज को गिरफ्तार करने वाले अधिकारी ने किया खुलासा

फ्रेंच सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज को गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि वे बचपन में अमेरिकी महिला की नदी में अधजली लाश देखकर जासूस बनना चाहते थे। शोभराज को बिकनी किलर के नाम से भी जाना जाता है।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Fri, 23 Dec 2022 02:04 PM (IST)
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फ्रेंच सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज जेल से रिहा
काठमांडू, पीटीआइ। फ्रांस के कुख्यात हत्यारे चार्ल्स शोभराज (French serial killer Charles Sobhraj) को गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेपाल के भूतपूर्व पुलिस अधिकारी को उनकी बचपन की दर्दभरी यादों ने जासूस बनने के लिए प्रेरित किया था। उनके अनुसार, बचपन में उन्होंने नदी में तैरती एक अमेरिकी महिला की अधजली लाश को देखा था, जिसके कारण उन्हें जासूस बनने की इच्छा हुई।

बुधवार को मिली रिहाई

काठमांडू के एक कैसीनों से 2003 में चार्ल्स शोभराज को गिरफ्तार करते वक्त गणेश के.सी. (Ganesh K.C.) 40 वर्ष के थे और डिप्टी पुलिस सुपरिटेंडेंट यानी उप पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्य कर रहे थे। नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को हत्या के आरोप में लगभग दो दशकों से जेल में बंद भारतीय-वियतमामी मूल के 78 वर्षीय फ्रांस के नागरिक चार्ल्स शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया है।

यह भी पढ़ें: 19 साल बाद नेपाल की जेल से रिहा हुआ चार्ल्स शोभराज, दो विदेशी पर्यटकों की हत्या के आरोप में काट रहा था सजा

12 साल के थे गणेश

गणेश के लिए बचपन का वह दर्दभरा अनुभव एक बेहतरीन जासूस बनने की प्रेरणा बना, जब उन्होंने एक अमेरिकी पर्यटक कोनी जो ब्रोंची (Connie Jo Bronzich) की अधजली लाश को देखा था। वे कहते हैं- मैं बमुश्किल 12 साल का था, जब मैंने देखा की लोग मनाहरा नदी (Manahara river) की ओर भाग रहे हैं, ताकी शोभराज द्वारा मार दी गई अमेरिकी पर्यटक की लाश को देख सकें।

ब्रोंची और उनकी कनाडाई दोस्त लॉरेंट कैरियर (Laurent Carriere) उन दो पर्यटकों में थीं, जिनकी हत्या शोभराज ने 1976 में की थी। खास बात यह है कि ठीक 27 साल बाद गणेश को उस हत्यारे को पकड़ने का काम मिला।

तस्वीर के आधार पर की तलाश

गणेश प्रसन्नता के साथ याद करते हैं कि कैसे घटनाओं के एक क्रम ने उन्हें शोभराज तक पहुंचाया। उन्होंने बताया, 'वह(शोभराज) पूर्वयोजना के तहत डॉक्यमेंट्री बनाने के लिए काठमांडू आया। उसे दरबार मार्ग स्थित रॉयल कैसीनों के पास देखा गया और उसकी तस्वीर हिमालय टाइम्स अखबार में प्रकाशित हुई। इसके आधार पर काठमांडू पुलिस ने अपराधी की तलाश शुरू की।'

(चार्ल्स शोभराज के वकील)

गणेश बताते हैं कि हालांकि शोभराज को दोहरे हत्याकांड के लिए गिरफ्तार करने के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं थे। इसलिए पुलिस ने पहले उसे अप्रवासी कानून के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया। बाद में होटल के रजिस्टर में उसके हस्ताक्षर जैसे पारिस्थितिक सबूतों के आधार पर उस पर हत्या के आरोप लगाए।

सालों बाद मिली प्रशंसा

वह कहते हैं कि उसकी गिरफ्तारी ने देश के मजबूत कानूनी तंत्र की एक मिसाल पेश की। उसपर दो अलग-अलग इलाकों में दो पर्यटकों की हत्या में दो मामले दर्ज किए गए थे। एक काठमांडू जिला कोर्ट और दूसरा भक्तपुर जिला कोर्ट में। शोभराज ने हत्या की बात कबूल नहीं की थी। उसके वकील ने कहा था कि उनके मुव्वकिल पर पूर्वानुमानों के आधार पर आरोप लगाए गए हैं।

गणेश के अनुसार शोभराज ने उन पर्यटकों की हत्या इसलिए की थी, क्योंकि उनके पास गहने थे। सालों बाद गणेश को शोभराज की गिरफ्तारी के लिए उन दो पर्यटकों के अभिभावकों द्वारा प्रशंसा पत्र प्राप्त हुआ था। गणेश 2018 में डीआईजी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। दो दशकों बाद शोभराज को रिहा किए जाने से वे खुश हैं। वे कहते हैं एक वरिष्ठ नागरिक के नाते मैं उसकी जल्दी रिहाई को लेकर खुश हूं। इससे यह भी पता चलता है कि हम कितने संवेदनशील हैं।

15 दिन के अंदर देश छोड़ने का आदेश

शोभराज को अप्रवासी औपचारिकताएं पूर्ण होने के बाद शुक्रवार को काठमांडू स्थित केंद्रीय कारागार से मुक्त किए जाने की उम्मीद है। नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उसे 15 दिनों के अंदर देश छोड़ने का आदेश भी दिया है।

शोभराज को मिला 'द सीरियल किलर' नाम

नेपाल में 2003 की सजा से पहले शोभराज के खिलाफ किसी भी देश में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था। माना जाता है कि उसने 1970 के दशक में 15 से 20 लोगों की हत्या की थी, जिसमें से दो केवल बिकनी पहने हुए पाया गया था। उसने एशिया में ज्यादातर पश्चिमी पर्यटकों के साथ दोस्ती की। बाद में 1972 और 1976 के बीच ज्यादातर उन्हें नशा देकर मार डाला। शोभराज ने 'द बिकनी किलर' और 'द सर्पेंट' उपनाम अर्जित किया।

शोभराज ने 17 साल जेल में बिताए

शोभराज ने अपनी याचिका के माध्यम से दावा किया था कि उसने नेपाल के वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली 'रियायतों' के अनुसार अपनी जेल की अवधि पूरी कर ली है। उसने दावा किया कि अपनी 20 साल की सजा में से 17 साल पहले ही काट लिए थे और पहले से ही अच्छा व्यवहार करने के लिए रिहाई की सिफारिश की गई थी।

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