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युद्ध अभ्यास शुरू कर दक्षिण कोरिया ने की गलती, कहीं बन न जाए किम से शांति के मार्ग में रोड़ा

शांति की तरफ बढ़ रहे उत्तर कोरिया में रविवार को वर्षों बाद दक्षिण कोरिया से आए गायकों और संगीतकारों की प्रस्‍तुति दिखाई दी। वहीं दूसरी तरफ आज ही दक्षिण कोरिया ने अमेरिका के साथ पहले से तय सैन्‍य अभ्‍यास शुरू किया।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 02 Apr 2018 06:23 PM (IST)
युद्ध अभ्यास शुरू कर दक्षिण कोरिया ने की गलती, कहीं बन न जाए किम से शांति के मार्ग में रोड़ा

नई दिल्‍ली [स्‍पेशल डेस्‍क]। शांति की तरफ बढ़ रहे उत्तर कोरिया में रविवार को वर्षों बाद दक्षिण कोरिया से आए गायकों और संगीतकारों की प्रस्‍तुति दिखाई दी। यह मौका बेहद खास था। यह कार्यक्रम उत्तर कोरिया की खास गुजारिश पर आयोजित किया गया था। इसमें दक्षिण कोरिया के नंबर वन पॉप ग्रुप के-बैंड ने भी शिरकत की। हालांकि यह कार्यक्रम दो घंटों की देरी से शुरू हुआ लेकिन यह बेहद खास रहा। वहीं दूसरी तरफ आज ही दक्षिण कोरिया ने अमेरिका के साथ पहले से तय सैन्‍य अभ्‍यास शुरू किया। हालांकि इस सैन्‍य अभ्‍यास को लेकर उत्तर ने दक्षिण कोरिया को पहले ही आगाह किया था। इसके बाद भी दक्षिण कोरिया ने इसको रोकना मुनासिब नहीं समझा।

युद्ध अभ्‍यास को लेकर किम की चेतावनी

आपको बता दें कि उत्तर कोरिया शुरू से ही इस तरह के अभ्‍यास को अपने ऊपर हमलों की पूर्व तैयारी के तौर पर लेता रहा है। यही वजह है किम ने इसको लेकर चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि ऐसा हुआ तो वह भी चुप नहीं बैठेगा। दोनों देशों के बीच यह युद्ध अभ्‍यास करीब चार सप्‍ताह तक चलेगा। पहले इस युद्ध अभ्‍यास को विंटर ओलंपिक गेम्‍स के आयोजन की वजह से कुछ समय आगे के लिए बढ़ा दिया गया था। विंटर ओलंपिक गेम दोनों कोरियाई देशों के लिए काफी अच्‍छा साबित हुआ है। लेकिन आशंका यह भी है कि दक्षिण कोरिया का यह कदम कहीं फिर शांति की राह में बाधा न बन जाए।

अप्रैल और मई में होंगी खास बैठक

दक्षिण कोरिया ने यह कदम उस वक्‍त उठाया है जब दोनों देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्षों के बीच होने वाली बैठक का समय और स्‍थान तय कर दिया गया है। इसके अलावा मई में किम और अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की भी बैठक होनी है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि पिछले माह के अंत में किम जोंग उन ने बीजिंग की यात्रा कर चीन के राष्‍ट्रपति को सभी बातों की जानकारी भी दी थी। इसके बाद चीन की तरफ से इस मुलाकात की जानकारी दक्षिण कोरिया को भी दी गई थी। इतना सब होने के बाद यह युद्धअभ्‍यास शांति की ओर हो रहे प्रयासों में अड़ंगा डाल सकता है।

दक्षिण कोरिया में हैं यूएस के 28 हजार से ज्‍यादा जवान

गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया में अमेरिका के करीब 28500 जवान तैनात हैं। इसमें से करीब आधे जवान चार सप्‍ताह चलने वाले युद्ध अभ्‍यास में हिस्‍सा ले रहे हैं। वहीं दक्षिण कोरिया के करीब तीन लाख जवान इसका हिस्‍सा बने हैं। हालांकि इस युद्ध अभ्‍यास को आगामी दो अहम बैठकों के चलते इस बार एक माह कर दिया गया है। इसके अलावा इस बार इस अभ्‍यास में अमेरिकी परमाणु पनडुब्‍बी और जंगी जहाज भी हिस्‍सा नहीं ले रहे हैं। इस अभ्‍यास में डबल ड्रेगन और लेंडिंग ड्रिल के साथ-साथ कई अन्‍य अभ्‍यास भी किए जाएंगे। इसमें अमेरिका दो जहाज और एफ 35 बी फाइटर जेट हिस्‍सा ले रहे हैं।

नाराजगी का लंबा इतिहास

दरअसल, अमेरिका से उत्तर कोरिया की नाराजगी का लंबा इतिहास रहा है। मौजूदा समय में भी इनमें तनाव बरकरार है। इसके अलावा अमेरिका बार-बार संयुक्‍त राष्‍ट्र में यह दावा करता रहा है कि उत्तर कोरिया लगातार अपने यहां मानवाधिकारों का उल्‍लंघन करता आ रहा है। वहीं दूसरी तरफ उत्तर कोरिया इसका खंडन करता आ रहा है। उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी केसीएनए का कहना है कि अमेरिका संयुक्‍त राष्‍ट्र में उत्तर कोरिया की छवि खराब करने के लिए झूठी कहानियां सुना रहा है। उत्तर कोरिय की तरफ से यहां तक कहा गया है कि वह इसे बर्दाश्‍त नहीं करेगा।

थाड की तैनाती से नाराज है चीन

यहां पर ये भी बताना जरूरी होगा कि दक्षिण कोरिया में अमेरिका ने थाड Terminal High Altitude Area Defense system को भी तैनात किया हुआ है, जिसको लेकर चीन काफी नाराज है। इस बाबत वह खुलेतौर पर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुका है। दो दिन पहले ही इसी मुद्दे पर चीन के स्‍टेट काउंसलर ने दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति मून जे से मुलाकात की थी। थाड की तैनाती से नाराजगी के चलते चीन ने दक्षिण कोरिया की कंपनियों को मिलने वाली कुछ सुविधाएं तक बंद कर दी थीं। इसके अलावा दक्षिण कोरिया के पैकेज टूर तक पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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